रविवार को कार्तिक पूर्णिमा का उपवास रखा जाएगा। तथा 27 नवंबर 2023 दिन सोमवार को स्नान,दानार्थ पूर्णिमा रहेगी वैसे तो वर्ष भर की सभी पूर्णिमा महत्वपूर्ण होती है परंतु कार्तिक माह की पूर्णिमा का विशेष महत्व माना गया है। धार्मिक मान्यतानुसार कार्तिक माह को सर्वाधिक पवित्र माह माना गया है कार्तिक माह का नाम वेदों में ऊर्ज ( ओज पूर्ण) नाम रखा था। वेदोत्तर काल में ऋषियों ने हिंदी महीनों के नाम नक्षत्रों के आधार पर रखने का निर्णय किया इस कारण पूर्णिमा कृतिका नक्षत्र में होने के कारण ऊर्ज माह का नाम कार्तिक माह रखा गया। धार्मिक मान्यतानुसार कार्तिक पूर्णिमा पर विष्णु भगवान ने मत्स्यवतार लिया था। इस कारण कार्तिक पूर्णिमा का धार्मिक महत्व बढ़ जाता है कार्तिक पूर्णिमा त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहा जाता है धार्मिक मान्यता है कि कि भगवान भोलेनाथ ने कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था। कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली भी कहा जाता है।आगे पढ़ें….
कार्तिक पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त।पूर्णिमा तिथि प्रारंभ 26 नवम्बर 2023 अपराह्न 3:55 से 27 नवंबर 2023 अपराह्न 2:47। महत्व व उपाय।कार्तिक पूर्णिमा का धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से विशेष महत्व है। पूर्णिमा स्नान करने और भगवान विष्णु की पूजा करने से भक्तों को अपार सौभाग्य की प्राप्ति होती है। कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा नदी या किसी पवित्र नदी अथवा जलकुंड में स्नान व दीपदान करने से सभी तरह के कष्टों का नाश होता है।आगे पढ़ें
कार्तिक पूर्णिमा पर तुलसी पूजा से विशेष लाभ प्राप्त होते हैं। जिन लोगो को संतान उत्पत्ति में बाधा आ रही हो कार्तिक पूर्णिमा का उपवास रखने से संतति प्राप्त होती है। जिन का चंद्रमा कमजोर हो, या नीचस्थ हो या क्षीण हो ऐसे जातकों को कार्तिक पूर्णिमा से उपवास प्रारंभ करने से चंद्रमा मजबूत होता है ऐसे जातकों को कार्तिक पूर्णिमा पर सफेद वस्तुओं का दान करना अति शुभ फल कारक होता है। सफेद कपड़ा, चावल, चीनी, दही, मोती, शंख,चांदी, सफेद पुष्प भेंट आदि। ज्योतिषाचार्य डॉ मंजू जोशी।