मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में एसडीजी अचीवर्स अवॉर्ड समारोह में 3 व्यक्तियों, 9 संस्थानों और 4 औद्योगिक प्रतिष्ठानों को एसडीजी अचीवर्स अवॉर्ड से सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पिछले वर्ष के एसडीजी अचीवर्स अवॉर्ड से पुरस्कृत व्यक्तियों और संस्थानों द्वारा की जा रही अभिनव पहलों की पुस्तक ‘अग्रगामी 2.0’ और एसडीजी इंडेक्स उत्तराखण्ड 2023-2024 का भी लोकार्पण किया।सीपीपीजीजी द्वारा वर्ष 2023-24 के लिए जारी जनपदवार एसडीजी रैंकिंग में नैनीताल जनपद प्रथम स्थान, देहरादून दूसरे और उत्तरकाशी तीसरे स्थान पर रहे। तीनों जनपदों के मुख्य विकास अधिकारी को भी मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया गया।आगे पढ़ें कौन कौन हुआ सम्मानित…..

मुख्यमंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार और उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों और संस्थाओं को एसडीजी अचीवर्स अवॉर्ड से सम्मानित होने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल सरकार द्वारा 60 स्वयंसेवी संस्थाओं, व्यक्तियों और सीएसआर के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को एसडीजी अचीवर्स अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। ये राज्य के विकास के वास्तविक ब्रांड एंबेसडर भी हैं।आगे पढ़ें क्या कहा सीएम धामी ने…….

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार वर्ष 2030 तक सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। इकोनॉमी और इकोलॉजी के संतुलन के लिए ‘‘त्रि-स्तंभीय एवं नौ-सूत्रीय नीति“ की शुरुआत की गई है, जो सतत विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। कहा कि तीन साल पहले एसडीजी इंडिया इंडेक्स में राज्य 9वें स्थान पर था, आज देश में प्रथम स्थान पर उत्तराखण्ड है। गरीबी उन्मूलन, खाद्य सुरक्षा, पेयजल एवं स्वच्छता, जन्म के समय लिंगानुपात, स्वच्छ ऊर्जा, शहरी विकास, वित्तीय समावेशन और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में राज्य ने महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। राज्य सरकार मुख्यमंत्री महिला उद्यमिता प्रोत्साहन योजना, सौर ऊर्जा क्रांति, स्मार्ट सिटी मिशन और मुख्यमंत्री शहरी आजीविका योजना जैसी योजनाओं के माध्यम से इन क्षेत्रों को सशक्त बनाने का कार्य कर रही है। कहा कि सतत विकास लक्ष्यों में पहली रैंकिंग को बनाये रखना चुनौती है, सबके सामुहिक प्रयासों से हमें राज्य को आगे बढ़ाना है। सरकार की नीति सही हो तो, खजाना भरता है। पिछले तीन सालों में नीतियों के सरलीकरण और राजस्व प्राप्ति हेतु काफी तेजी से प्रयास हुए हैं। खनन राजस्व ₹400 करोड़ से बढ़कर ₹1200 करोड़ हुआ है। इसी तरह अन्य क्षेत्रों में भी राज्य में राजस्व प्राप्ति तेजी से बढ़ रही है।
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