उत्तराखण्ड

सर्दियों में उत्तराखंड की यात्रा से देवभूमि की दिव्य आभा की सच्ची झलक मिलती है:पीएम मोदी

राज्य में शीतकालीन यात्रा को बढ़ावा देने एवं गंगोत्री धाम के शीतकालीन गद़्दी स्थल उत्तरकाशी के मुखवा गांव में मां गंगा के दर्शन करने आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को हर्षिल, उत्तरकाशी में शीतकालीन पर्यटन कार्यक्रम के तहत 2 मोटर बाइक रैली एवं 2 ट्रैक रूट दलों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। प्रधानमंत्री ने धार्मिक पर्यटन के साथ शीतकाल के समय उत्तराखण्ड में होने वाले साहसिक खेलों को भी बढ़ावा दिया। जिसके तहत उन्होंने नेलांग, जादुंग, सोनम एवं पीडीए घाटी के अद्भुत और अनछुए पर्यटन गंतव्यों के लिए साहसिक पर्यटन अभियानों को फ्लैग ऑफ किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर्षिल से पी.डी.ए मोटर बाइक-ATV-RTV रैली के 21 सदस्यों (भारतीय सेना) के दल एवं हर्षिल-जादुंग मोटर बाइक रैली के 18 सदस्यों (उत्तराखण्ड पर्यटन) के दल को फ्लैग ऑफ किया। साथ ही उन्होंने नीलापानी-मुलिंग ला पास ट्रैक के 15 सदस्यों (आई.टी.बी.पी) के दल एवं जादुंग-जनकताल ट्रैक पर जा रहे 22 सदस्यों (एन.आई.एम) के दल को भी फ्लैग ऑफ किया। मोटर बाइक -ATV-RTV रैली (हर्षिल – पी.डी.ए), मोटर बाइक रैली (हर्षिल-जादुंग) मोटर बाइक रैली नेलांग, जादुंग, सोनम एवं पी.डी.ए वैली में आयोजित की जा रही है। इन घाटियों की भौगोलिक स्थिति लद्दाख की भांति है। जिसका उद्देश्य लद्दाख वैली की तर्ज पर उत्तराखण्ड के हर्षिल क्षेत्र को देश का बड़ा मोटर बाइक डेस्टिनेशन बनाना है।नीलापानी-मुलिंग ला पास ट्रैक एवं जादुंग-जनकताल ट्रैक रूट गंगोत्री नेशनल पार्क क्षेत्र में स्थित है तथा भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के अन्तर्गत सम्मिलित है। जो इनर लाइन क्षेत्र में पड़ते हैं, जहाँ पर आवागमन हेतु इनर लाइन परमिट की आवश्यकता होती है। उक्त क्षेत्र को पुनः बसायत किये जाने हेतु पर्यटन विभाग द्वारा जादुंग में होम स्टे बनाये जा रहे हैं। जिसका मुख्य उद्देश्य स्थानीय निवासियों के रोजगार एवं आजीविका का सृजन करना है।आगे पढ़ें क्या कहा पीएम मोदी ने…

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प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखण्ड में कोई “ऑफ-सीजन” नहीं होना चाहिए और पर्यटन को हर मौसम में फलना-फूलना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में पहाड़ों में पर्यटन मौसमी है, जिसमें मार्च, अप्रैल, मई और जून के दौरान पर्यटकों की अच्छी-खासी आमद होती है। इसके बाद पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आती है, जिससे सर्दियों के दौरान अधिकांश होटल, रिसॉर्ट और होम स्टे खाली हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि इस असंतुलन के कारण उत्तराखण्ड में साल के एक बड़े हिस्से में आर्थिक ठहराव बना रहता है और पर्यावरण के लिए भी चुनौतियां पैदा होती हैं।प्रधानमंत्री ने कहा कि सर्दियों के दौरान उत्तराखण्ड की यात्रा करने से देवभूमि की दिव्य आभा की सच्ची झलक मिलती है। उन्होंने कहा कि विंटर टूरिज्म में यहां, लोगों को ट्रैकिंग, स्कीइंग जैसी एक्टिविटीज का रोमांच, सचमुच में रोमांचित कर देगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में धार्मिक यात्राओं के लिए सर्दियां विशेष महत्व रखती हैं, क्योंकि इस दौरान कई पवित्र स्थलों पर अनोखे अनुष्ठान किए जाते हैं। उन्होंने मुखवा गांव में होने वाले धार्मिक समारोहों को क्षेत्र की प्राचीन और महत्‍वपूर्ण परंपराओं का अभिन्न अंग बताया।

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