पंच दिवसीय दिवाली पर्व का प्रारंभ धनतेरस से होता है। इस वर्ष 10 नवंबर को धनतेरस मनाया जा रहा है।पंच दिवसीय दीपोत्सव की तिथियां कुछ इस प्रकार होंगी। दिनांक 10 नवंबर धनतेरस, यमदीप दान व प्रदोष व्रत। 11 नवंबर छोटी दीपावली नरक चतुर्दशी। 12 नवंबर श्री महालक्ष्मी पूजन बड़ी दीपावली। 13 नवंबर सोमवती अमावस्या। 14 नवंबर गोवर्धन पूजा। 15 नवंबर यम द्वितीय, भैया दूज।प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष धनतेरस पर कुछ विशेष योग बन रहे हैं जो कि पर्व को और भी विशेष बना देते हैं।आगे पढ़ें….…
हस्त नक्षत्र, स्थिर योग,आयुष्मान,प्रीति योग, इंद्र योग,शुक्र और चंद्रमा के संयोग से कलात्मक योग का निर्माण हो रहा है। धार्मिक मान्यतानुसार धनतेरस मनाने का रहस्य यह है कि समुंद्र मंथन से कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को भगवान धन्वंतरि अपने हाथों में कलश लेकर समुंद्र से प्रकट हुए थे। भगवान धन्वंतरि को भगवान विष्णु का अंशावतार माना जाता है। विश्व में चिकित्सा विज्ञान के विस्तार और प्रसार के लिए ही भगवान विष्णु ने धन्वंतरि का अवतार लिया था। ऐसा माना जाता है कि धनतेरस का पर्व धन, धान्य, समृद्धि के अतिरिक्त स्वास्थ्य,आरोग्यता से जुड़ा हुआ होता है। इसलिए इस दिन धन के लिए देवी लक्ष्मी व कुबेर और आरोग्य के लिए भगवान धनवन्तरि की पूजा अर्चना की जाती है।आगे पढ़ें……….
धनतेरस पूजन का शुभ मुहूर्त।त्रयोदशी तिथि प्रारंभ- 10 नवंबर अपराह्न 12:38 से 11 नवंबर अपराह्न 1:59 तक तत्पश्चात चतुर्दशी तिथि प्रारंभ।धनतेरस प्रदोष काल एवम् वृषभ काल पूजा मुहूर्त– सायं 05:17 पर प्रारम्भ होगा व रात्रि 07: 57 तक रहेगा।आगे पढ़ें….……
धनतेरस पर क्या करें व क्या ना करें।धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि, मां लक्ष्मी, भगवान कुबेर और यमराज की पूजा का विधान है ।इस दिन धन्वंतरि की पूजा करने से आरोग्य और दीर्घायु प्राप्त होती है।इस दिन भगवान धन्वंतरि की प्रतिमा की पूजा करें। धनतेरस के दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा भी की जाती है। इस दिन संध्या के समय घर के मुख्य दरवाजे के दोनों ओर अनाज के ढेर पर मिट्टी का बड़ा दीपक रखकर उसे जलाएं। दीपक का मुंह दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए। धनतेरस पर धन के देवता कुबेर की पूजा करने से व्यक्ति को जीवन के हर भौतिक सुख की प्राप्ति होती है।धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है मां लक्ष्मी के छोटे-छोटे पद चिन्हों को पूरे घर में स्थापित करना शुभ माना जाता है।घर के मुख्य द्वार पर 13 दीपक जलाएं आगे पढ़ें…..
धनतेरस पर क्या खरीदें।लक्ष्मी गणेश की मूर्ति, सोना, चांदी, पीतल, मिट्टी के दीए ,झाड़ू खरीदना, तांबे का दीपक अति शुभ फल कारक।धनतेरस पर क्या न खरीदें।बधनतेरस पर इन वस्तुओं को खरीदने से बचना चाहिए। एल्यूमिनियम का सामान,लोहे की वस्तुएं,नुकीली या धारदार वस्तुएं,प्लास्टिक का सामान,कांच के बर्तन,काले रंग की वस्तुएं इत्यादि। ज्योतिषाचार्य डॉ मंजू जोशी