नैनीताल।बुधवार को कुमाऊँ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दीवान एस. रावत ने विश्वविद्यालय के नवीन सत्र 2024-25 के आरंभ पर एक विशेष संवाद का आयोजन किया। इस संवाद में विश्वविद्यालय के सभी संकायाध्यक्षों, विभागाध्यक्षों, प्राध्यापकों और अतिथि शिक्षकों ने भाग लिया। संवाद का मुख्य उद्देश्य विश्वविद्यालय में शिक्षण गुणवत्ता को बेहतर बनाना, नवाचार के प्रयोग को बढ़ावा देना और विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में सुधार लाना था।कुलपति प्रो. रावत ने डी.एस.बी. परिसर के ए.एन. सिंह सभागार में उपस्थित प्राध्यापकों के साथ बातचीत करते हुए कहा कि शिक्षण का स्तर सुधारने के लिए सभी शिक्षकों को न केवल अपने विषयों में दक्षता हासिल करनी होगी, बल्कि नए-नए शैक्षिक नवाचारों को भी अपनाना होगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शिक्षण में गुणवत्ता का महत्व सर्वोपरि है और इसे बनाए रखने के लिए हमें लगातार प्रयासरत रहना होगा। कहा विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में सुधार तभी संभव है जब हम अपने शिक्षण के स्तर को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाएं। हमें अपनी शिक्षा प्रणाली में नवाचारों का समावेश करना होगा और छात्रों के समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित करना होगा।आगे पढ़ें….
प्रो. रावत ने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय के शिक्षकों को छात्रों के साथ व्यक्तिगत संवाद को बढ़ावा देना चाहिए ताकि वे उनकी समस्याओं और आवश्यकताओं को समझ सकें और उन्हें शिक्षा के प्रति अधिक प्रेरित कर सकें। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि केवल विषय के ज्ञान को देना पर्याप्त नहीं है, बल्कि छात्रों में सोचने-समझने की क्षमता और नवाचारी दृष्टिकोण विकसित करना भी आवश्यक है।इस अवसर पर कुलपति प्रो. रावत ने सभी शिक्षकों से यह अपेक्षा की कि वे अपने शिक्षण कार्य में नवाचारों को शामिल करें और छात्रों को बेहतर भविष्य के लिए तैयार करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें। साथ ही उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे नए शोध प्रकल्पों पर काम करें, उच्च स्तरीय शोध पत्र प्रकाशित करें, और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लेकर विश्वविद्यालय का नाम रोशन करें।कार्यक्रम के अंत में उन्होंने सभी शिक्षकों का धन्यवाद करते हुए कहा कि कुमाऊँ विश्वविद्यालय की सफलता में सभी की भागीदारी महत्वपूर्ण है, और यह विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को नई ऊँचाइयों पर ले जाने में सहायक होगा।आगे पढ़ें….
कुलपति प्रो रावत ने सभी विज्ञान विभागों को मार्च 2025 तक कम से कम एक पेटेंट दाखिल करने के लिए कहा, जिसके लिए विश्वविद्यालय ने पेटेंट वकील को सूचीबद्ध किया है और विश्वविद्यालय पेटेंट दाखिल करने की सभी लागत वहन करेगा। उन्होंने एनईपी पाठ्यक्रम को संशोधित करने पर जोर दिया और कहा कि यह राष्ट्रीय मानक का होना चाहिए कुलपति प्रो. रावत के इस संवाद ने विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकों को न केवल प्रेरित किया, बल्कि उन्हें अपनी जिम्मेदारियों के प्रति भी जागरूक किया।इससे पूर्व परिसर निदेशक प्रो.नीता बोरा शर्मा, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. संजय पंत, मुख्य कुलानुशासक प्रो. एचसीएस बिष्ट, प्रो.जीत राम आर्या द्वारा कुलपति प्रो० रावत का पुष्पगुच्छ प्रदान कर स्वागत किया गया। कार्यक्रम का संचालन प्रो.ललित तिवारी द्वारा किया गया। कार्यक्रम के अंत में अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. संजय पंत द्वारा कुलपति प्रो. रावत का आभार व्यक्त किया गया।