केदारनाथ उपचुनाव के लिए भाजपा व कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने अपने-अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। कांग्रेस ने पूर्व विधायक मनोज रावत तो वही भाजपा ने पूर्व विधायक आशा नौटियाल को चुनावी रण में उतारा है। दोनों प्रत्याशी 2017 विधानसभा चुनाव में भी आमने-सामने चुनाव लड़ चुके हैं,हालांकि उस दौरान भाजपा से टिकट नही मिलने के चलते आशा नौटियाल निर्दलीय चुनाव लड़ी थी जबकि मनोज रावत कांग्रेस से मैदान में उतरे थे।मनोज रावत 2017 से 2022 तक केदारनाथ से कांग्रेस के विधायक रह चुके हैं।जबकि आशा 2002 से लेकर 2012 तक केदारनाथ विधानसभा से विधायक रही हैं।ऐसे में एक बार फिर दोनों के बीच कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है।हालांकि ये उपचुनाव भाजपा के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।क्योंकि इससे पहले भाजपा लोकसभा चुनाव में अयोध्या तो वहीं विधानसभा उपचुनाव में बद्रीनाथ सीट हार चुकी है।ऐसे में भाजपा के लिए इस सीट पर जीत दर्ज करना बेहद जरूरी हो गया है।
कड़ा है मुकाबला:अयोध्या-बद्रीनाथ हार के बाद अब भाजपा के लिए आशा की किरण केदारनाथ
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