शनिवार को पूर्णिमा का उपवास रखा जाएगा। स्नान दानार्थ पूर्णिमा रविवार को रहेगी। मार्गशीर्ष पूर्णिमा का उपवास रखने से व्यक्ति के पाप नष्ट होते हैं। अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है। जिन जातकों की कुंडली में चंद्र दोष है चंद्र राहु या केतु अथवा शनि से पीड़ित है, चंद्रमा क्षीण हो या नीचस्थ हो ऐसे जातक पूर्णिमा का उपवास रखें जिससे कि कुंडली में विराजमान चंद्र दोष दूर होते हैं। मार्गशीर्ष माह भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है पूर्णिमा पर सत्यनारायण की कथा सुनने व पढ़ने से भगवान श्री कृष्ण का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। जिन दंपतियों को संतान उत्पत्ति में बाधा आ रही हो उन्हें पूर्णिमा का उपवास रखने से संतति प्राप्त होती है। जिन जातकों का विवाह में विलंब हो रहा हो उन्हें भी पूर्णिमा का उपवास रखना चाहिए क्योंकि चंद्रमा प्रेम का कारक ग्रह भी है।
शनिवार मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर विशेष:ज्योतिषाचार्य डॉ.मंजू जोशी
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