नैनीतल।इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने जुलाई 2024 सत्र से एमए भगवदगीता अध्ययन कार्यक्रम शुरू किया है। भगवदगीता भारतीय ज्ञानपरम्परा का सार ग्रन्थ है । इसमें समस्त भारतीय चिन्तन परम्परा का ज्ञान निहित है। यह एक निर्विवाद ज्ञानग्रन्थ है, जिसमें ब्रह्मसूत्र, षड्दर्शन, उपनिषद् के ज्ञान के साथ-साथ वैज्ञानिक और सांस्कृतिक ज्ञान समाहित है।आगे पढ़ें
इग्नू क्षेत्रीय केंद्र, के वरिष्ठ क्षेत्रीय निदेशक डॉ. अनिल कुमार डिमरी ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मान्य शिक्षा मार्गों , विषयों और विविध ज्ञान-विज्ञान के पक्षों को समाज के सभी वर्गों की शिक्षा के लिए प्रस्तुत करना इस कार्यक्रम का प्रयोजन है। भारतीय विद्याओं के मर्म को पूरी तरह समझकर प्रायोगिक ज्ञान के साथ श्रेष्ठ व्यक्तित्व सम्पन्न शिक्षित नागरिक का निर्माण भगवद्गीता के इस कार्यक्रम से सम्भव हो सकेगा। कहा कि किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक की परीक्षा में उत्तीर्ण शिक्षार्थी कार्यक्रम में प्रवेश के लिए आवेदन कर सकते हैं। कार्यक्रम का माध्यम हिंदी है जो कि कुल 80 क्रेडिट का है। कार्यक्रम को पूर्ण करने की न्यूनतम अवधि दो वर्ष एवं अधिकतम चार वर्ष निर्धारित की गयी है।