धर्म-संस्कृति

कुलदेवी राज-राजेश्वरी मां नंदा-सुनंदा महोत्सव का हुआ श्री गणेश

नैनीताल। कुमाउं की कुलदेवी राज राजेश्वरी मां नंदा-सुनंदा महोत्सव का रविवार को रामसेवक सभा में विधि विधान से श्री गणेश किया गया।बतौर मुख्य अतिथि विधायक सरिता आर्य व विशिष्ट अतिथि एसएसपी प्रह्लाद नारण्यन मीणा ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया जिसके बाद मूर्ति निर्माण के लिए कदली वृक्ष (केले का पेड़) लाने के लिए एक टीम समीपवर्ती रोखण गांव की ओर रवाना हुई।सोमवार को कदली वृक्ष का नगर भ्रमण होगा और अंत में मां नैना देवी मंदिर के सेवा समिति में कदली वृक्ष से मां नंदा सुनंदा की मूर्तियों का निर्माण किया जाएगा। वहीं बुधवार नंदा अष्टमी को ब्रह्म मुहूर्त में मूर्तियों को नयना देवी मंदिर में श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ रख दिया जाएगा।रविवार से 15 सितंबर तक नगर की ऐतिहासिक डीएसए मैदान में भब्य मेले का आयोजन भी शुरू हो चुका है।इस दौरान अध्यक्ष मनोज साह,अशोक साह,मुकेश जोशी मोंटू, देवेन्द्र लाल साह, विमल चौधरी,प्रो ललित तिवारी,भुवन बिष्ट,एसपी हरबंश सिंह,संयुक्त मजिस्ट्रेट वरूण अग्रवाल,एसडीएम प्रमोद कुमार,प्रशासक केएन गोस्वामी,ईओ पूजा चंद्रा,शांति मेहरा,सरस्वती खेतवाल,सांसद प्रतिनिधि गोपाल रावत,पूर्व विधायक नारायण जंतवाल,निवर्तमान सभासद तारा राणा,मोहन नेगी,कैलाश अधिकारी,प्रेमा अधिकारी, मनोज जोशी,दीपिका बिनवाल,मोहित लाल साह, हरीश राणा आदि मौजूद रहे।आगे पढ़ें मेले का कार्यक्रम……..

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नंदा देवी महोत्सव 2024 के कार्यक्रम।सोमवार षष्ठी को कदली वृक्ष का आगमन होगा और सुखताल और तल्लीताल वैष्णो देवी मंदिर में पूजा अर्चना कर कदली वृक्ष का नगर भ्रमण के बाद मूर्ति निर्माण के लिए माँ नयना देवी में रखा जाएगा।मंगलवार सप्तमी को मां नंदा-सुनंदा की मूर्तियों का निर्माण होगा तो यही राम सेवक सभा में स्कूली बच्चो की प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाएगा।बुधवार अष्टमी को  ब्रह्म मुहूर्त में प्राण प्रतिष्ठा एवं पूजन पंच आरती व प्रसाद वितरण देवी पूजन व देवी भोग। गुरुवार नवमी को देवी पूजन श्री दुर्गा सप्तशती पाठ एवं हवन, कन्या पूजन महा भंडार,पंच आरती व प्रसाद वितरण देवी पूजन देवी भोग। शुक्रवार दशमी देवी पूजन श्री नंदा चालीसा भजन कार्यक्रम पंच आरती प्रसाद वितरण नैनी झील में दीपदान देवी पूजन व देवी भोग। शनिवार एकादशी देवी पूजन सुंदरकांड पंच आरती देवी पूजन देवी भोग। रविवार द्वादशी को सुबह देवी पूजन देवी भोग और अंत में शोभा यात्रा के बाद शाम को नैनी झील में मूर्ति विसर्जन किया जाएगा।

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