नैनीताल। राज्य में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को धरातल पर उतारने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए पाठ्यक्रम निर्धारण एवं क्रियान्वयन हेतु कुमाऊँ विश्वविद्यालय द्वारा 6,7 एवं 8 जनवरी को तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, डिग्री एवं रिसर्च डिग्री के आधार पर स्नातक एवं स्नातकोत्तर विषयों के बनाये गए पाठ्यक्रमों पर विषय विशेषज्ञों द्वारा विस्तृत में चर्चा की जाएगी।
कार्यशाला में उत्तराखंड राज्य में नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम तैयार करने वाली कमेटी के चेयरमैन कुलपति प्रो० एन०के० जोशी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि तीन विषय वाले सभी त्रिवर्षीय पाठ्यक्रम बीए, बीकॉम, बीएससी में सीबीसीएस (च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम) आधारित नवीन पाठ्यक्रम शैक्षणिक सत्र 2022- 23 से लागू होगा। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत स्नातक पाठ्यक्रमों के पैटर्न में व्यापक परिवर्तन किया जा रहा है। नई शिक्षा नीति में कौशल विकास, विषयों के चुनने में सहजता, ऑनलाइन कोर्सेज को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया जा रहा है इससे विद्यार्थियों में बहुआयामी प्रतिभा का विकास होगा। उन्होंने कहा कि नए पैटर्न के अनुसार विद्यार्थी प्रवेश के समय अपने संकाय से दो मुख्य विषयों का चुनाव करेगा और तीसरा मुख्य विषय अपने संकाय से अथवा किसी भी संकाय से चयनित कर सकता है। विद्यार्थी द्वितीय, तृतीय वर्ष में मुख्य विषय बदल सकता है। अथवा उनके क्रम में परिवर्तन कर सकता है, परंतु वह एक वर्ष के बाद ही विषय परिवर्तित कर सकता है। स्नातक स्तर के प्रत्येक विद्यार्थी को प्रथम दो वर्षों के प्रत्येक सेमेस्टर में तीन क्रेडिट का एक कौशल विकास कोर्स करना होगा।
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन हेतु 70% पाठ्यक्रम पूरे राज्य के विश्वविद्यालयों में एक जैसा होगा एवं 30% पाठ्यक्रम को विश्वविद्यालय अपनी भौगोलिक परिस्थितियों, क्षेत्रीय स्तर की अपेक्षाओं, संसाधनों के अनुरूप रख सकते हैं। विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत 79 विषयों के पाठ्यक्रम तैयार किए गए हैं। राष्ट्रीय कार्यशाला में प्राप्त सुझावों एवं सुधारों के पश्चात् सभी पाठ्यक्रमों को वेबसाइट में उपलोड कर दिया जायेगा।
इस दौरान कुलसचिव दिनेश चन्द्रा, कार्यशाला संयोजक प्रो संजय पंत, प्रो ललित तिवारी, विधान चौधरी,केके पांडे मौजूद रहे
कोर्स के बीच में पढ़ाई छोड़ी तब भी मिलेगा सर्टिफिकेट या डिप्लोमा: कुलपति प्रो एनके जोशी
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