चुनाव

डीएसबी परिसर: काला झंडा रचेगा इतिहास या एबीवीपी की गोयल के समर्थन से लगेगी नय्या पार,क्या कहते है समीकरण

नैनीताल। आगामी 7 नवंबर को पूरे प्रदेश में एक साथ छात्र संघ चुनाव होने जा रहे हैं, जिसको लेकर डीएसपी परिसर में भी नामांकन प्रक्रिया संपन्न होने के बाद प्रत्याशियों द्वारा चुनाव प्रचार-प्रसार तेज कर दिया है। आयु सीमा के चलते निर्दलीय प्रत्याशी मोहित गोयल का नामांकन निरस्त होने के बाद अब अध्यक्ष पद के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से उत्कर्ष बिष्ट,एनएसयूआई से रोहित जोशी व काले झंडे के बैनर तले चुनाव लड़ रहे मोहित बिष्ट के बीच कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है।आगे पढ़ें

मोहित गोयल ने अपना समर्थन एबीवीपी को दे दिया है,जिसके बाद एबीवीपी को अब जीत का रास्ता आसान लगने लगा है तो वही जानकारों का कहना है कि मोहित गोयल की टीम से कई छात्र टूटकर दुबारा से काले झंडे गुट में शामिल हो चुके है।ऐसे में अभी भी एबीवीपी के लिए जीत इतनी आसान नही है।हालांकि उनको गोयल के समर्थन से लाभ तो होगा ही लेकिन काला झंडा अभी लड़ाई में बराबर का का मुकाबला कर रहा है।क्योंकि काले झंडे का हॉस्टलों में अच्छी पकड़ है।तो निवर्तमान अध्यक्ष शुभम बिष्ट की छात्रों में सक्रियता का भी काले झंडे को लाभ मिल सकता है।लेकिन एनएसयूआई प्रत्याशी की भी स्थानीय छात्रों में अच्छी पकड़ है।इसका नुकसान किसको होगा ये एक बड़ा सवाल है।ऐसे में अगर मोहित बिष्ट चुनाव जीतते हैं तो डीएसबी के इतिहास में काले झंडे की यह लगातार दूसरी जीत होगी।तो वही एबीवीपी को अपनी साख बरकार रखने के लिए मेहनत करनी होगी।तथा एनएसयूआई को भी डीएसबी में लंबे समय से सूखे पड़े अकाल को दूर करने की चुनौती है।आगे पढ़ें

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बता दे कि 2022 छात्र संघ चुनाव में काले झंडे से चुनाव लड़ने वाले शुभम बिष्ट को 1192 और एबीवीपी से टिकट नही मिलने से नाराज निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले शुभम कुमार को 804 तथा एबीवीपी प्रतयाशी मोहित पंत को 758 मत प्राप्त हुए थे,जिसके चलते डीएसबी के इतिहास में पहली बार काले झंडे की जीत हुई थी।जिसमे पंजीकृत 5300 मतदाताओं में से 2807 छात्र-छात्राओं ने मतदान किया था।

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