नैनीताल/हल्द्वानी। उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने पीसीएस 2021 मुख्य परीक्षा का रिजल्ट घोषित कर दिया है। जिसमे नैनीताल जनपद के हल्द्वानी निवासी अभिजीत सिंह का भी चयन हुआ है। अभिजीत की सफलता से परिवार में खुशी का माहौल है। उनके पिता बलदेव सिंह पेशे से ड्राइवर हैं और माता नीरज सिंह गृहिणी हैं। माता-पिता की बरसों की मेहनत रंग लाई। दंपति के तीन बेटे हैं। दोनों बड़े बेटे प्राइवेट क्षेत्र में कार्यरत हैं। उन्होंने हमेशा से अपने बच्चों को पढ़ाई का मोल समझाया। पिता अपनी कमाई का ज्यादातर हिस्सा बच्चों की शिक्षा पर ही खर्च करते थे। उसी का नतीजा है कि आज उनका सबसे छोटा बेटा पीसीएस अफसर बना है।आगे पढ़ें सफलता की कहानी…
अभिजीत सिंह का चयन समाज कल्याण विभाग में सुपरिटेंडेंट पोस्ट पर हुआ है। अभिजीत ने बताया कि वर्तमान में वह समाजशास्त्र विषय से पीएचडी कर रहे हैं। वह नैनीताल के डीएसबी कैंपस से प्रोफेसर अर्चना श्रीवास्तव के निर्देशन में शोध कर रहे हैं। उन्होंने साल 2021 में नेट-जेआरएफ क्वालिफाई किया था। पीसीएस की परीक्षा की तैयारी के सवाल पर उन्होंने कहा कि पीएचडी के साथ-साथ वह इस परीक्षा के लिए सेल्फ स्टडी करते थे। उन्होंने कहीं कोचिंग जॉइन नहीं की। वह हर दिन 10 से 12 घंटे पढ़ाई करते थे। यह उत्तराखंड पीसीएस परीक्षा का उनका पहला प्रयास था।आगे पढ़ें क्या कहा अभिजीत ने….
मेहनत के बल पर हासिल होगा लक्ष्य।उन्होंने बताया कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा हल्द्वानी के न्यू मॉडर्न स्कूल से हुई है। इसके बाद उन्होंने हाईस्कूल और इंटर की पढ़ाई गुरुकुल इंटरनेशनल स्कूल से की। शहर के ही एमबीपीजी कॉलेज से उन्होंने ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जिसके बाद वर्तमान में वह नैनीताल से पीएचडी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों को अपनी पढ़ाई और लक्ष्य पर फोकस रखना चाहिए। पढ़ाई बोरिंग न लगने लगे, इसके लिए इसके साथ-साथ और भी एक्टीविटीज करते रहें। वे याद रखें कि मेहनत के बल पर ही आप अपने लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं।आगे पढ़ें कैसे की अभिजीत ने तैयारी…
रात-रातभर जागकर की पढ़ाई।बलदेव सिंह ने बेटे की सफलता पर कहा कि उन्हें आज लग रहा है कि उनकी मेहनत सफल हुई। वह बहुत खुश हैं। अभिजीत बचपन से ही पढ़ाई में होनहार था। परीक्षा की तैयारी के लिए वह रात-रातभर जागकर पढ़ाई करता रहा। उसकी मेहनत और लगन का ही नतीजा है कि आज वह पीसीएस अफसर बना है। बेटे की सफलता से परिवार में खुशी का माहौल है।