मुस्कान। चैत्र नवरात्रि : नवरात्रि हिंदू धर्म में एक विशेष महत्व रखता है। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा अर्चना को जाती है। मां के नौ स्वरूप – १ शैलपुत्री २ ब्रह्मचारिणी३ चंद्रघंटा४ कुष्मांडा ५ स्कंदमाता६ कात्यायनी७ कालरात्रि८ महागौरी ९ सिद्धिदात्री ये है मां दुर्गा के नौ स्वरूप जिनकी नवरात्रि के नौ दिनों में पूजा अर्चना की जाती है। नवरात्र के नौ दिनों में मां की सेवा कर मां को प्रसन्न करके भक्तजन अपनी इच्छाओं के पूरी होने की कामना करते है।आगे पढ़ें….
चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल 2024 से प्रारंभ होने जा रही है। यानिकि 9 अप्रैल मंगलवार से ही कलश स्थापना के साथ नवरात्रि का शुभारंभ भी हो जाएगा। इसके साथ ही हिंदू नववर्ष का भी प्रारंभ हो जाएगा। चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन शुभ मुहूर्त में घटस्थापना का विधान है। 15 अप्रैल को महासप्तमी है, 16 को महाअष्टमी और 17 अप्रैल को रामनवमी है। इसी के साथ नवरात्रि का समापन भी हो जाता है। आगे पढ़ें……
घटस्थापना मुहूर्त: प्रातः काल 6:12 से 10: 23 यानिकि आप सुबह 4 घंटे 11 मिनिट की अवधि में कलश स्थापना कर सकते है, यह मुहूर्त घटस्थापना के लिए उपयुक्त है। कलश स्थापना की विधि : कलश की स्थापना मंदिर के उत्तर पूर्व दिशा में चौकी लगाकर ही करनी चाहिए। सर्वप्रथम उस स्थान को गंगाजल छिड़क कर पवित्र कर ले जहा चौकी लगानी है फिर चौकी पर लाल कपड़ा बिछाए उस पर कलश स्थापना करे और उस पर स्वास्तिक बनाएं। कलश को जल से भर ले और उसमे आम के पत्ते रख ले कलश के मुख पर नारियल को रख ले। तत्पश्चात मां की मूर्ति स्थापित करे मां को लाल चुनरी उड़ाते और श्रृंगार भी अर्पित करे, इसी के साथ अखंड दीपक भी रखे जिसमे अखंड ज्योत जलाई जाए। घटस्थापना के पश्चाचात मां के प्रथम स्वरूप का ध्यान करे मंत्र उच्चारण करे और संध्या काल की आरती के पश्चात प्रसाद गऊ माता को अवश्य दे। मुस्कान यादव नैनीताल