नैनीताल। बीडी पांडे अस्पताल में उत्तराखंड स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश के द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं का निरीक्षण किया गया। इस दौरान प्रसीद्ध फोटोग्राफर व यूटुबर अमित शाह की मौत को लेकर अस्पताल पहुचे परिजनों व स्थानीय लोगों ने अस्पताल में जमकर प्रदर्शन करते हुए अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया और अस्पताल में तालाबंदी करने की बात कही जिस से आहत अस्पताल प्रबंधन ने प्रदर्शनकरियो की घोर निंदा की है। घटना के बाद अस्पताल सभागार में अस्पताल के अधिकारियों और कर्मचारीयों ने बैठक कर अस्पताल में प्रदर्शन करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। चिकित्सकों और कर्मियों ने बैठक कर लोगों के चिकित्सकों के प्रति ऐसे व्यवहार की कड़ी निंदा की। चिकित्सकों और कर्मियों ने संयुक्त रुप से बयान जारी कर कहा कि अभद्र और अनैतिक भाषा का प्रयोग करते हुए चुनिंदा लोगों ने न सिर्फ सरकारी कार्य में बाधा डाली, बल्कि यह अस्पताल की छवि धूमिल करने का प्रयास है। बिना स्वार्थ के सेवा में लगे चिकित्सकों और कर्मियों का मनोबल क्षीण हुआ है। कोविड काल के साथ ही अन्य समय भी सीमित संसाधनों के जरिये अस्पताल में मरीजों को पूरी सुविधाए दिये जाने का प्रयास किया जा रहा है। जिसके बावजूद लोगों का ऐसा व्यवहार निंदनीय है। यूट्यूबर व फोटोग्राफर अमित के परिजनों और अन्य लोगों ने उपचार में लापरवाही बरतने के कारण उनकी मौत होने के आरोप लगाए हैं उसका जिला अस्पताल प्रबंधन ने खंडन किया है।आगे पढ़ें
युवक की ईसीजी रिपोर्ट गंभीर देखते हुए डॉक्टरों ने दी थी हायर सेंटर जाने की सलाह।
बीडी पांडे अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ सुधांशु सिंह ने बताया कि मरीज के परिजन रात ढाई बजे मरीज को अस्पताल के आपातकालीन कक्ष में उपचार को लेकर पहुंचे थे। उनके परामर्श के बाद जब मरीज का ईसीजी किया गया तो रिपोर्ट गंभीर मिली। जिस पर तत्काल उन्होंने और आपातकालीन कक्ष में तैनात चिकित्सक ने मरीज के स्वजनों को तत्काल उन्हें हायर सेंटर ले जाने की सलाह दी। मगर मरीज ने स्वयं हायर सेंटर जाने से मना कर दिया। इसके बाद भी चिकित्सकों ने उन्हें काफी समझाया तो लेकिन वह अस्पताल से चले गए। उन्हें लगा कि स्वजन मरीज को हायर सेंटर लेकर चले गए है। मगर सुबह साढ़े पांच बजे एक बार फिर स्वजन मरीज को अस्पताल लेकर पहुचे इस से पूर्व ही मरीज की मृत्यु हो चुकी थी परिजन मरीज को मृत अवस्था में अस्पताल लेकर पहुंचे थे। ऐसे में जिला अस्पताल प्रबंधन की क्या लापरवाही है। उन्होंने समय से उसे बेहतर उपचार के लिए हायर सेंटर जाने की सलाह दे दी गई थी।इसके बावजूद भी मृतक के परिजनो द्वारा बेवजह अस्पताल प्रबंधन व डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगाए जा रहे है जिसका अस्पताल प्रबंधन कड़ी निंदा करता है।
इस दौरान पीएमएस डॉ. द्रोपती गार्बियाल, डॉ. अनिरुद्ध गंगोला, डॉ. संजीव ख़र्रकवाल ,डॉ. मोनिका कांडपाल, डॉ.एमएस दुग्ताल, डॉ. ममता पन्गाते,डॉ. प्रियांशु श्रीवास्तव,डॉ. दीपिका लोहनी, डॉ.सुरेश सिसौदिया, डॉ. अभिषेक गुप्ता, डॉ. रूचि गुप्ता, डॉ. कोमल गुरुरानी, डॉ. तंनुजा पाल,डॉ. नरेंद्र रावत, डॉ. हर्षवर्धन पंत,डॉ.हिमांशु सरन, डॉ. नेहल रतन, डॉ. देवाशीश मौजूद रहें।