ज्योतिषाचार्य डॉक्टर मंजू जोशी ने बताया कि शुक्रवार को भगवान राम तथा देवी जनक नंदिनी माता सीता के अखंड विवाह दिवस विवाह पंचमी के रूप में मनाया जा रहा ह।प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि को विवाह पंचमी के रूप में मनाया जाता है। धार्मिक मान्यतानुसार इसी दिन जनक नंदिनी सीता देवी तथा दशरथ पुत्र भगवान रामचंद्र जी का विवाह जनकपुर में संपन्न हुआ था।आगे पढ़ें क्या है मान्यता……
धार्मिक मान्यता अनुसार जो भी श्रद्धालु भक्ति भाव से भगवान श्री राम तथा देवी सीता की पूर्ण श्रद्धा भाव से विवाह पंचमी पर उपवास रखता है तथा पूजा अर्चना करता है उन सभी के जीवन में आने समस्याएं समाप्त होती हैं।विशेष रूप से वैवाहिक जीवन में आने वाली सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं और वैवाहिक जीवन सुखद होता है।जिन लोगो के विवाह में विलंब हो रहा है उन सभी को विवाह पंचमी पर उपवास रखना चाहिए तथा भगवान श्री राम से विवाह संपन्न होने की प्रार्थना करनी चाहिए सीख रही विवाह संपन्न होगा। जिन भी प्रेमी जोड़ों को विवाह हेतु संघर्ष करना पड़ रहा है या विवाह में विलंब हो रहा है उनसे भी को भी विवाह पंचमी पर उपवास रख भगवान श्री राम और जनक नंदिनी सीता की उपासना करनी चाहिए।ज्योतिषाचार्य डॉ मंजू जोशी