आध्यात्मिक मार्गदर्शक और सलाहकार कशिश गंभीर के अनुसार करवा चौथ का व्रत रखने से पति की उम्र बढ़ती है इसका हमारे किसी भी धर्मग्रंथों में इसका कोई उल्लेख नही है।भगवद गीता अध्याय दो श्लोक 27,जातस्य हि ध्रुवो मृत्युः ध्रुवं जन्म मृतस्य च। तस्माद् अपरिहार्ये ‘रथे न त्वं सोचितं अरहसि।अर्थात’जिसका जन्म हुआ है, उसकी मृत्यु निश्चित है, और जो मर गया है, उसका जन्म निश्चित है।आगे पढ़ें……
करवा माता की कहानी मान भी लें।अगर मान लें कि करवा माता ने अपने पति को अपनी भक्ति से यमराज से बचा लिया, तो यह उनका कर्म था। वह एक अलग युग था। हम आजकल के कलयुग में रहते हैं, और इस युग में यमराज से बात करना इतनी आसान बात नहीं है।वर्तमान में हम भक्ति और ध्यान से भटककर भौतिक सुखों और मनोरंजन में इतने उलझ जाते हैं कि इस प्रकार की चेतना हममें कम ही है।यमराज से बात करने के लिए व्यक्ति को चेतना की उच्च अवस्था में होना होगा मतलब नींद से जागना नहीं है जागरूकता की यह स्थिति, जैसा कि संत कबीर की कविताओं में चर्चा की गई है।तो हममें से कोई इतना जागरूक है कि यमराज से संवाद कर सके।आगे पढ़ें……
क्या व्रत स्वास्थ्य के लिए है। क्या यह संभव है कि महिलाएं इसलिए ज्यादा जीती हैं क्योंकि उनके उपवास से उनके स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। चूंकि पुरुष कम साझा करते हैं और ज्यादातर चीजें अपने तक ही सीमित रखते हैं, जिससे उनके अंदर आंतरिक तनाव बढ़ जाता है।और अगर महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रख सकती हैं, तो क्या पुरुष भी अपनी पत्नियों से इतना प्यार नहीं करते कि उनके लिए व्रत रख सकें।हमें यह सोचने की ज़रूरत है कि व्रत का सही अर्थ क्या है क्या यह समय नहीं है कि हम व्रत का पुनर्परिभाषित करें।जहा तक मेरी बात है, इस बार मैं प्रभु के नाम का उपवास रख रही हूँ। परमात्मा को लंबी उम्र की आवश्यकता क्यों होगी? वह तो सृष्टि का रचयिता है। मेरे लिए, यह व्रत उनकी भक्ति में और मेरे जीवन को बेहतर बनाने के लिए रखा जाएगा। यही मेरी मंशा है।