हल्द्वानी।उत्तराखंड युवा एकता मंच के बैनर तले हल्द्वानी में चल रहे अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन पर ही उत्तराखंड युवा एकता मंच के पदाधिकारियों द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कल आयोजित हो रही पटवारी भर्ती के संबंध में महत्वपूर्ण खुलासे किए गए।गौरतलब है कि सरकार नकल विरोधी कानून पारित कर दिया गया है, साथ ही अन्य चीजों पर भी विचार कर रही है । परंतु अभी तक भर्ती भी संदेह के घेरे में है व आयोग में अभी भी स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स बाकी है। कल आयोजित हो रही पटवारी भर्ती पर पेपर लीक का संदेह व्यक्त करते हुए उत्तराखंड युवा एकता मंच के संयोजक पीयूष जोशी ने बताया कि कल आयोजित होने वाली पटवारी परीक्षा में एडमिट कार्ड में हस्ताक्षर निलंबित हो चुके परीक्षा नियंत्रक सुंदरलाल सेमवाल के हैं ,जो अपने आप में परीक्षा पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर देते हैं।आगे पढ़ें
बताते चलें कि शुक्रवार को सरकार द्वारा सुंदरलाल सेमवाल को पूर्व में आयोजित पटवारी भर्ती लीक प्रकरण में निलंबित कर हरिद्वार के सिटी मजिस्ट्रेट अवधेश कुमार सिंह को परीक्षा नियंत्रक का कार्यभार सौंपा।वर्तमान में आयोग के परीक्षा नियंत्रक सुंदरलाल सेमवाल के ऊपर पटवारी भर्ती लीक प्रकरण में जांच चल रही है।उत्तराखंड युवा एकता मंच द्वारा इसी संदर्भ में “उत्तराखंड पब्लिक सर्विस कमिशन प्रोसीदियर एंड कंडक्ट ऑफ बिजनेस रूल 2013” के चैप्टर 4 का हवाला देते हुए कहा गया कि इसके विभिन्न प्रावधानों के अनुरूप परीक्षा नियंत्रक के हाथ में परीक्षा कराना ,परीक्षा के एग्जाम सेट करने वाले एक्सपर्ट की नियुक्ति की जिम्मेदारी एक्जामिनेशन कंट्रोलर की होती है ।वर्तमान में सभी भर्ती लिक प्रकरणों में पेपर लीक प्रिंटिंग प्रेस से हो रहे हैं और आयोग की नियमावली के अनुसार प्रिंटिंग प्रेस प्रेस से सिक्रेसी मेंटेन करना आयोग के परीक्षा नियंत्रक की जिम्मेदारी होती है। इस संदर्भ में उत्तराखंड एकता मंच द्वारा सवाल उठाते हुए कहां गया कि जब पेपर सेट करने वाले एक्सपर्ट भी एग्जमकनेशन कंट्रोलर की देखरेख में कार्य कर रहे हैं ।जब पूरे आयोग की परीक्षा से संबंधित सभी कार्य परीक्षा नियंत्रक की देखरेख में होने हैं और वह हाल ही में शुक्रवार को ही पद से निलंबित किए गए हैं ।ऐसे में वर्तमान में आयोजित हो रही लेखपाल पटवारी भर्ती पर भी सवाल उठने लाजमी है व आयोग को इसे तत्काल स्थगित करना चाहिए। क्योंकि वर्तमान में आयोजित हो रही सभी परीक्षाएं कहीं ना कहीं संदेह के घेरे में है।साथ ही सरकार को भी युवाओं का विश्वास उक्त मुद्दों पर जगाने में असमर्थ है ।अगर सरकार द्वारा इस विषय पर कोई भी कार्यवाही की जा रही है तो इस विषय पर युवाओं को अवगत कराया जाना व युवाओं को विश्वास में लेना अति आवश्यक है।परीक्षा नियंत्रक की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आने से वर्तमान में आयोजित हो रही पटवारी भर्ती संदेह के घेरे में इसलिए भी आ जाती है कि कल मुख्यमंत्री द्वारा बेरोजगार संघ के पदाधिकारियों से वार्ता उपरांत यह बताया गया कि पूरा पेपर दोबारा बनाया गया है। परंतु सरकार द्वारा यह स्पष्ट नहीं किया गया कि जो पेपर बना था उस समय परीक्षा नियंत्रक कौन था। अगर पेपर सेमवाल की निगरानी में बना था तो ऐसे में पेपर लीक होने की आशंका चरम पर हैं और अगर पेपर लीक होता है ऐसे में युवाओं का विश्वास वर्तमान की भर्ती परीक्षाओं से उठना लाजमी है।आगे पढ़ें
इसी संदर्भ में खुलासे को लेकर एक शिष्टमंडल की मुलाकात एसएसपी नैनीताल पंकज भट्ट से भी हुई ,जहां उत्तराखंड युवा एकता मंच के पदाधिकारियों द्वारा जब एसएसपी नैनीताल को सभी तथ्य प्रस्तुत किए गए तो उन्होंने सभी तथ्यों पर के आधार पर विवेचना कर जांच करने की बात कही, साथ ही मंच के लोगो का कहना था कि एक प्रत्यावेदन मुख्यमंत्री को भी देंगे।युवा एकता मंच द्वारा यह खुलासा कर अभ्यर्थियों से निवेदन किया है कि आयोग की ऑफिशियल वेबसाइट पर परीक्षा नियंत्रक के सभी कार्यों को देखा जाए ।इसके अलावा आयोग द्वारा कराई जा रही भर्ती परीक्षाओं को अब उन्हें देना है या नहीं देना है या जांच उपरांत देना है यह अभ्यर्थियों का व्यक्तिगत विवेक है ।उत्तराखंड युवा एकता मंच की यही मांग है कि पहले सभी भर्ती परीक्षाओं की निष्पक्ष जांच सीबीआई से करवाई जाए उसके बाद ही कोई परीक्षा आयोजित की जाए ,क्योंकि वर्तमान परिस्थितियों में आयोग व सरकार लगातार हो रहे पेपर लीक प्रकरणों से युवा भी स्वयं को प्रताड़ित महसूस कर रहा है ।उत्तराखंड एकता मंच के संयोजक पीयूष जोशी ने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप में संदेह के घेरे में चल रही परीक्षा का बहिष्कार करते हैं व जांच उपरांत ही कोई परीक्षा आयोग में देंगे। अब यह अभ्यर्थियों का विवेक है की परीक्षा के संबंध में क्या निर्णय लेना है।वर्तमान में युवाओं की यही मांग है कि वर्तमान की भर्ती परीक्षा स्थगित की जाए वह सभी भर्ती परीक्षाओं को आयोग में स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स आने के बाद ही की जाए।वर्तमान समय में आयोजित हो रही सभी परीक्षाओं को अभ्यर्थी एक मजबूरी में दे रहे हैं व सभी की व्यक्तिगत राय यही है कि सभी परीक्षाएं जांच उपरांत ही कराई जाएं। ऐसे में सरकार को इस विषय पर गंभीरता से सोचने की आवश्यकता है।आगे पढ़ें
भूपेंद्र कोरंगा संयोजक उत्तराखंड युवा एकता मंच: वर्तमान में युवाओं में अविश्वास का माहौल है प्रदेश के सभी युवा बेमन से परीक्षा देने जा रहे हैं। सरकार को समझना चाहिए कि जब तक आयोग में स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स नहीं लाए जाते व आयोग के अंदर के एक-एक भ्रष्टाचारी को बाहर नहीं किया जाता तब तक नकल माफियाओं की कमर नहीं तोड़ी जा सकती। वर्तमान में सरकार को सीबीआई जांच करवा कर युवाओं को आश्वस्त करना चाहिए कि प्रदेश में भर्ती घोटाले दोबारा नहीं होंगे।आगे पढ़ें
पीयूष जोशी संयोजक उत्तराखंड युवा एकता मंच: बिना ट्रांसपेरेंसी के कोई भी परीक्षा कराया जाना उचित नहीं है ।सबसे पहले पारदर्शिता व सुचिता आयोग में स्थापित की जाए उसके बाद ही कोई भर्ती परीक्षा हो ।हमारी मंच से एक ही मांग है कि पहले परीक्षाओं की सीबीआई जांच हो उसके बाद ही कोई परीक्षा हो ।वर्तमान में आयोजित परीक्षाओं पर भी संदेह है उनकी जाँच सीबीआई के द्वारा निष्पक्ष जांच की जाए।आगे पढ़ें
राहुल पन्त संयोजक उत्तराखंड युवा एकता मंच: युवाओं से निवेदन है कि भर्ती घोटालों के खिलाफ यह आपकी अपनी लड़ाई है इसको अब हर युवा को अपने स्तर पर व्यक्तिगत रूप में लड़ना होगा। इसके लिए हर युवा को जो उचित लगे जिस स्तर से उचित लगे वह करना पड़ेगा।तभी जाकर हम इस लड़ाई को जीत पाएंगे और हमारी आने वाली पीढ़ियों को एक बेहतर भविष्य मिल पाएगा।