नैनीताल। ग्रमीण क्षेत्रो से शहरों की ओर हो रहे पलायन से अब गांवों को ही नही बल्कि शहरों में बढ़ रही आबादी धीरे-धीरे शहरी क्षेत्रों के लिए बड़ी समस्या बनती जा रही है जिसको लेकर बुधवार को उत्तराखंड प्रशासनिक अकैडमी में बुधवार को दो दिवसीय कॉन्क्लेव के दूसरे दिन गुरुवार को विभिन्न देशों, विभाग व संस्थानों से आये विशेषज्ञों द्वारा अपने विचार प्रस्तुत किये। उप मेयर, हिरोशिमा, जापान सुसुमु ओकाबा द्वारा हिमालयी राष्ट्रों के समक्ष वर्तमान में शहरीकरण के कारण बढ़ती चुनौतियों पर चर्चा की गयी एवं समग्रता व समावेशी चुनौतियों के निराकरण पर चर्चा की गयी। कान्क्लेव के दौरान नालेज शेयरिगं व विभिन्न क्षेत्रों मेें कार्यरत एजेन्सियों द्वारा किये गये जा रहे शोध के आदान-प्रदान हेतु आईसीमोड, नेपाल व उत्तराखण्ड प्रशासन अकादमी, नैनीताल के साथ अनुबन्ध की सहमति प्रदान की गयी।वरिष्ठ उप निदेशक जापान ताकसी सुजुकी द्वारा नगरों के 3डी डिजायन आधारित नगरों के नियोजन के तकनीकी उपयोगी पर बल दिया गया तथा 3डी प्रस्तुतीकरण के माध्यम से हिरोशिमा नगर का सिटी प्लान प्रस्तुत किया। अधीक्षण अभिन्यता, शहरी विकास रवि पाण्डेय द्वारा उत्तराखण्ड में सैप्टेज मैनेजमेन्ट से सम्बन्धित प्रयासों व्याख्यान प्रस्तुत किया गया। साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में विशेष भौगोलिक परिस्थितियों के कारण सैप्टेज प्रबन्धन चुनौतियों पर चर्चा की गयी। उनके द्वारा अमृत 2.0, स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के अन्तर्गत किये जा रहे कार्याे के विषय में अवगत कराया गया। दो दिवसीय कन्क्लेव के दौरान नगर पालिका द्वारा एनयूएलएम के तहत गठित तीन स्वयं सहायता समूहों शक्ति पंक्ति, बुरांश, मोनाल व चेलेआट स्वयं सहायता समूह द्वारा स्वयं निर्मित उत्पादों की स्टॉल लगाए गए थे।जिसमें प्रतिभागियों द्वारा उतपादो की प्रशंसा की।
दो दिवसीय कॉन्क्लेव का समापन,आईसीमोड, नेपाल व उत्तराखण्ड प्रशासन अकादमी, नैनीताल के साथ अनुबन्ध
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