शनिवार को पद्मिनी (पुरुषोत्तमी) एकादशी उपवास रखा जाएगा। तीन वर्षों में पड़ने वाले अधिक मास के दौरान एकादशी को पद्मिनी एकादशी कहा गया है। एकादशी उपवास भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने का विधान है। पुरुषोत्तम माह के स्वामी स्वयं श्री हरि विष्णु जी हैं अतः पुरुषोत्तमी एकादशी में उपवास रखने से एकादशी उपवास का फल दस गुना बढ़ जाता है। पद्मिनी एकादशी के उपवास रखने से परम सिद्धियों की प्राप्ति होती है धन, सुख,शांति, ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। व वंश वृद्धि होती है। पद्मिनी एकादशी पर ब्रह्म योग का निर्माण हो रहा है एवं शनिवार पढ़ने से पद्मिनी का किसी और विशेष फल प्रदान करने वाली रहेगी।मूहूर्त एकादशी तिथि प्रारंभ 28 जुलाई 2023 दोपहर 2:52 से 29 जुलाई 2023 दोपहर 1: 06 मिनट तक।व्रत पारण समय प्रातः 05:41 मिनट से 08:24 मिनट तक। पूजा विधि पद्मिनी एकादशी पर ब्रह्म मुहूर्त में जागकर नित्य कर्म से निवृत्त होकर संपूर्ण घर एवं पूजा स्थल को स्वच्छ करें। पूजा स्थल पर अखंड ज्योति प्रज्वलित करें। भगवान विष्णु, देवी लक्ष्मी, शिव परिवार को स्नानादि करा कर आसन प्रदान करें। पीतांबर व बागम्बर अर्पित करें। तथा रोली, कुमकुम, चंदन, पीले पुष्प, पंचमेवा, पंच मिठाई, धूप, दीप, नैवेद्य, तुलसी, पान, सुपारी, जल चढ़ाएं। विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। घी की 11 बत्तियां जलाकर भगवान विष्णु एवं शिव परिवार की पूर्ण श्रद्धा भाव से आरती करें। जरूरतमंद व्यक्तियों को अन्न वस्त्र दान करें।ज्योतिषाचार्य डॉ मंजू जोशी 8395806256
आज है पद्मिनी एकादशी उपवास,अदमास के दौरान पड़ने वाले एकादशी पर विशेष: ज्योतिषाचार्य डॉ.मंजू जोशी।
By
Posted on