नैनीताल। भूस्खलन प्रभावित टिफिन टॉप क्षेत्र का निरीक्षण में काफी मोती दरारे पढ़ चुकी है इसको लेकर प्रशासन ने पूर्व में ही इस क्षेत्र को प्रतिबंधित कर दिया है उसके बावजूद लगातार यहां तक सैलानियों की आवाजाही बरकरार है जिससे कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना होने की आशंका बनी हुई है। हालांकि पालिका प्रशासन द्वारा उक्त क्षेत्र मैं चेतावनी बोर्ड व तार बाड़ लगाकर पूरी तरीके से क्षेत्र में आवाजाही बंद करने की बात की है। लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं होने पर सभासद मनोज साह जगाती ने बताया कि लगातार दरारे मोटी होती जा रही हैं,और सैलानियों व स्थानीय लोगों की आवाजाही भी बरकरार है जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। कहा कि उक्त क्षेत्र तक अब दुपहिया वाहन भी पहुंचने लगे हैं। लेकिन प्रशासन द्वारा कोई भी कार्यवाही नहीं की जा रही है, ऐसे में अगर कोई बड़ा हादसा होता है तो उसकी जिम्मेदारी किसकी होगी। जिसको लेकर सभासद मनोज जगाती ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर टिफिन टॉप के अस्तित्व को बचाने की मांग की है।आगे पढ़ें…..
बता दे कि पूर्व जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने नैनीताल नगर स्थित टिफिन टॉप पर दरारें आने और भू-स्खलन को देखते हुए गम्भीरता से लेते हुए भू-वैज्ञानिक, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी, सहायक अभिन्यता सिंचाई, प्रांतीय खंड लोनिवि, राजस्व और वन विभाग की स्थलीय सर्वे के लिए टीम का गठन किया था। सर्वे टीम द्वारा सर्वे के दौरान पाया कि उत्तरी व दक्षिणी छोर पर पड़ी दरारें कार्बोनेट चट्टानों की संधियों के मध्य विचलन के कारण उत्पन्न हुई है। सर्वे टीम द्वारा आंकलन कर बताया गया कि जब तक स्थाई रूप से भू-तकनीकी सर्वेक्षण न हो, तब तक पर्यटकों एवं स्थानीय लोगों की सुरक्षा को देखते हुए डेराथी सीट व्यू प्वाइंट पर आवागमन पूर्णतः प्रतिबन्धित किया जाए। लेकिन उसके बावजूद भी भारी संख्या में सैलानी दुर्घटना संभावित क्षेत्र टिफिन टॉप व्यू प्वाइंट में जा रहे थे।