धर्म-संस्कृति

कैंची धाम स्थपना दिवस की तैयारियां पूरी, विराट कोहली ने बाबा के दर्शन के तुरंत बाद लगाया था शतक,बीते वर्षो के मुताबिक दुगुनी संख्या में उमड़ेगा भक्तों का शैलाब

नैनीताल। 15 जून  बाबा नीम करौली के धाम कैंची धाम के स्थापना दिवस की तैयारियों के लिए मंदिर व पुलिस प्रशासन जुड़ चुका है।वही मंदिर प्रशासन द्वारा बीते वर्षो के मुताबिक इस वार्स भक्तों की संख्या दुगनी होने की उम्मीद जताई जा रही है।जिसको लेकर पुलिस प्रशसन ने भी कमर कस ली है।बता दे कि अमूमन कैंची धाम में वर्ष भर देश-विदेश से भक्त बाबा के दर्शन को पहुचंते है, लेकिन बीते वर्ष 17 नवंबर को भारतीय क्रिकेटर विराट कोहली अपनी पत्नी अभिनेत्री अनुष्का शर्मा साथ बाबा नीम करौली के धाम कैंची मंदिर, काकड़ीघाट व हनुमानगढ़ धाम पहुंचे थे, जहां पर उन्होंने पूजा अर्चना कर बाबा का आशीर्वाद लिया था। इस दौरान एक सप्ताह तक वे नैनीताल में ही रहे और बाबा के सभी मंदिरों में दर्शन किए। इसके बाद मैदान पर लौटते ही 10 जनवरी को उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ 87 गेंद पर 113 रन की विस्फोटक पारी खेली थी। जिसके बाद से बाबा के प्रति लोगों की आस्था और अधिक बढ़ गयी है। तब से हर रोज कैंची धाम में देश-विदेश से भक्तों का हुजूम उमड़ने लगा है।और 15 जून स्थापना दिवस पर भी लाखों की संख्या में भक्तों की पहूंचने की उम्मीद जताई जा रही है।आगे पढ़ें….

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14 व 15 जून का यातायात प्लान।हल्द्वानी से अल्मड़ा-पिथौरागढ़ को जाने वाले सभी वाहन 14 दोपहर 2 बजे बाद से खटानी मोड़, पदमपुरी-पोखराड़- कशियालेख-शीतला- मौना-ल्वेशाल एवं क्वारब होते हुए अल्मोड़ा को निकलेंगें नैनीताल से अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ जाने वाले वाहन भवाली रामगढ़ तिराहे से होते हुए मल्ला रामगढ़, नथुवाखान, क्वारब से आगे निकलेंगें।अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ से आने वाले वाहन क्वारब पुल से मौना-ल्वेशाल- शीतला पदमपुरी होते हुऐ खुटानी बैन्ड से भीमताल की ओर प्रस्थान करेंगे। रानीखेत से आने वाले भारी वाहन खैरना से क्वारब होते हुए ल्वेशाल- मौना-पदमपुरी से खुटानी बैन्ड से भीमताल की ओर प्रस्थान करेंगे। वही भवाली की ओर से कैंची धाम जाने वाले श्रद्धालुओं को भवाली से सटल के माध्यम से भेजा जाएगा तथा अल्मोड़ा की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं को खैरना पेट्रोल पंप से सटल के माध्यम से कैसी धाम भेजा जाएगा।आगे पढ़ें…

बाबा नीम करौली को माना जाता है भगवान हनुमान का अवतार।कहा जाता है कि बाबा नीम करौली भगवान हनुमान की उपासना करने के बाद अनेक चमत्कारिक सिद्धियां प्राप्त हुई थीं। लोग उन्हें हनुमान जी का अवतार भी मानते हैं लेकिन बाबा बेहद साधारण तरीके से रहते थे और अपने पैर किसी को नहीं छूने देते थे। कहते हैं बाबा हमेशा ही राम नाम का स्मरण करते रहते थे। नीम करौली  बाबा के देश विदेशों में कई आश्रम है इनमें से सबसे बड़ा आश्रम कैंची धाम और अमेरिका के न्यू मैक्सिको सिटी में स्थित टाउस आश्रम है।आगे पढ़ें…..

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चमत्कारी कथाओं से विख्यात है बाबा का धाम।स्थानीय लोगों के अनुसार एक बार भंडारे के दौरान प्रसाद बनाते समय  घी कम पड़ गया था तभी बाबा ने एक कनिस्तर में नीचे बहने वाली शिप्रा नदी से पानी मंगवाया और उस पानी को प्रसाद में डाला तो कनिस्टर का पानी घी में बदल गया। इसी प्रकार भक्तों का कहना है कि बाबा अपने भक्तों से अत्यधिक प्रेम करते थे। इसलिए एक बार बाबा ने भक्तों को तेज धूप से बचाने के लिए बादल की छतरी बना कर भक्तों को उनकी मंजिल तक पहुंचाया।आगे पढ़ें…..

देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी है बाबा के भक्त।फेसबुक और एप्पल के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग व स्टीव जॉब्स को राह दिखाने वाले नीम करौली बाबा पश्चिमी देशों में भारत की विरासत का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनके आश्रम में न केवल देशवासियों को ही, बल्कि पूरी दुनिया को प्रसन्न और खुशहाल बनने का रास्ता मिलता है।बाबा सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपने चमत्कारों की वजह से जाने जाते हैं। लोकप्रिय लेखक रिचर्ड अल्बर्ट ने “मिरेकल ऑफ लव” नाम से बाबा पर एक पुस्तक लिखी। इसी के साथ हॉलीवुड अभिनेत्री जूलिया राबर्ट्स, फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग, एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स सहित अन्य विदेशी हस्तियां बाबा के भक्त हैं। नीम करौली बाबा हनुमान जी के बहुत बड़े भक्त थे उन्होंने अपने जीवनकाल में लगभग 108 हनुमान मन्दिर बनवाए थे। 1960 में जब एक लेखक ने बाबा पर पुस्तक लिखी तब बाबा को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली। बाबा ने अपनी समाधि के लिए वृंदावन की पावन भूमि को चुना था। 10 सितम्बर 1973 को बाबा की मृत्यु हो गई। उनकी याद में आश्रम में उनकी प्रतिमा स्थापित की गई है। 

बीते वर्ष कैंची धाम पहूंचे विराट-अनुष्का

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