नैनीताल। नैनीताल में इन दिनों ठंड के चलते हृदय रोगियों की संख्या बढ़ने लगी है। बीते एक माह में ही नगर में लगभग छह लोगों की हृदयघात से मौत हो चुकी है। वहीं रोजाना सीने में दर्द की शिकायत लेकर कई लोग उपचार के लिए बीडी पांडे अस्पताल पहुंच रहे हैं।आगे पढ़ें
बीडी पांडे अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ दुग्ताल का कहना है कि बदलते समय के साथ इंसान की जीवन शैली भी बदल रही है। बदलती जीवन शैली के चलते इंसान कई गंभर बीमारियों की चपेट में आ रहा है। जिसमें ज्यादातर लोग हृदय रोग से ग्रसित हो रहे हैं। बताया कि इन दिनों नैनीताल में ठंड के चलते हृदय रोगियों की संख्या बढ़ने लगी है। जिसमें ज्यादातर जवान लोग हैं। बताया कि महीने में लगभग 100 से ज्यादा लोग हृदय सम्बंन्धी दिक्कतों के साथ अस्पताल में पहुंच रहे हैं। जिनमें लगभग छह से आठ लोगों को हृदय घात होता है। जिनको उपचार के साथ डॉक्टरी परामर्श दिया जाता है। उन्होंने बताया कि ठंड के दिनों में नशें सिकुड़ जाती हैं। जिसका असर हृदय में खून पहुंचाने वाली धमनियों में भी पड़ता है। इसलिए ठंड में हृदयघात का खतरा बढ़ जाता है।अस्पताल के वरीष्ठ फिजिशियन डॉ एमएस दुग्ताल ने बताया कि सीने में हल्के दर्द को लोग नजर अंदाज न करें। कहा कि सीने में या नाभी के बांई ओर हल्के दर्द को लोग कई बार गैस का दर्द समझते हैं। लेकिन यह हल्का दर्द भी हृदय घात का लक्षण हो सकता है। इसके अलावा गर्दन में दर्द, सांस लेने में असहजता, सीने में भारीपन, सीने से बांए हाथ को बढ़ता दर्द भी हृदयघात के लक्षण हो सकते हैं। बताया कि एसे किसी भी लक्षण को नजर अंदाज न करें। जल्द से जल्द अस्पताल जाकर डाक्टर को दिखाकर उपचार लें।कहा कि ठंड के दिनों में खासकर बीपी और कैलेस्ट्रौल के मरीजों को अपना विशेष ध्यान रखना चाहिए। बताया कि बीपी व कैलोस्ट्रौल के मरीजों को हृदयघात की ज्यादा संभावनाएं होती हैं। एसे मरीज जाड़े के दिनों में सुबह व शाम ठंड में टहलने से बचें। इसके बदले वह लोग धूप में टहल सकते हैं। खाने में तेलिय पदार्थों व फास्ट फूड का सेवन भी नहीं करना चाहिए। साथ ही साफ व गुनगुना पानी पीने के साथ गर्म कपड़ो का उपयोग कर ठंड से बचें। इसके अलावा हल्का व्यायाम रोजाना करना चाहिए। इसके अलावा प्रत्येक इंसान को समय समय पर ईसीजी, बीपी व कैलस्ट्रोल की जांच करानी चाहिए।