धारी। अल्मोड़ा से चली गुरिल्ला जनजागरण रथ यात्रा रविवार को पहाड़पानी पहुंची,धानारौली में सभा को संबोधित करते हुए संगठन के केन्द्रीय अध्यक्ष ब्रह्मा नन्द डालाकोटी ने कहा कि जब भी गुरिल्लों ने सरकार को अपने संख्या बल का अहसास कराया सरकार ने गुरिल्लों के लिए कई योजनाएं बनाई, गुरिल्लों का सत्यापन कराया, गुरिल्लों के समायोजन का प्रस्ताव एस एस बी से तैयार कराया लेकिन जैसे हम कौरोना तथा अन्य कारणों से आंदोलन में कम संख्या बल के साथ सम्मिलित हुए सरकार ने गुरिल्लों के मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जो सांसद,विधायक हमारे आंदोलन में आकर समर्थन करते थे, लोकसभा, विधानसभा में आवाज उठाते थे वे आज मौन हैं, गुरिल्लों के आंदोलन को 17साल हो गये हैं अल्मोड़ा जिला मुख्यालय में धरने को 5000दिन हो गये और दिल्ली देहरादून में आंदोलन की परिस्थितियां जटिल हो गयी तो गुरिल्लों ने रथ यात्रा के माध्यम से अपनी आवाज सरकार तक पहुंचाने निर्णय लिया तथा स्थान स्थान पर सभाओं के माध्यम से जनता को अपनी पीड़ा बताने,सोये गुरिल्लों को जगाने काम भी रथ यात्रा द्वारा किया जा रहा है। सीमाओं पर बढ़ रही आतंकवादी घटनाओं, यहां तक शांत नेपाल सीमा से घुसपैठ होने के समाचारों के चलते, गुरिल्लायुक सुरक्षा प्रणाली को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है सरकार को यह बात जितनी जल्दी समझ में आये उतना अच्छा है जब घुसपैठ हो जायेगी, फिर उन्हें खदेड़ने में काफी दिक्कतें हौगी, नैनीताल के जिलाध्यक्ष पीतांबर मेलकानी ने कहा कि, गुरिल्लों ने आंदोलन से गुरिल्ला शब्द का अर्थ सरकार और जन जन को समझा तो दिया लेकिन उसके औचित्य और उसका आज भी किस तरह उपयोग हो सकता है ये इस रथयात्रा के माध्यम से बताया जा रहा है। आज सभा में भोला दत्त शर्मा, गोपाल सिंह राणा,तारा सिंह श्रीचंद,गणेश शर्मा, रवीन्द्र कुमार,कांतिबल्लभ हरीश चंद्र दीवान राम आदि मौजूद रहे।
गुरिल्ला जनजागरण रथ यात्रा पहुंची पहाड़पानी
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