20 अप्रैल 2023 दिन गुरुवार को वर्ष का प्रथम सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। यह कंकण/खंडग्रास सूर्यग्रहण है। वर्ष का प्रथम सूर्यग्रहण मेष राशि एवं अश्विनी नक्षत्र में लगने जा रहा है। यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा एवं इसका कोई धार्मिक महत्व भी नहीं है तथा इस सूर्य ग्रहण पर किसी भी प्रकार का कोई सूतक नहीं लगेगा।वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सूर्य ग्रहण को समझने का प्रयास करते हैं जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के मध्य में आ जाता है तो पृथ्वी पर सूर्य की किरणें नहीं पहुंच पाती इसी खगोलीय घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है। यह सूर्य ग्रहण दक्षिण पूर्व एशिया, ईस्ट इंडीज, ऑस्ट्रेलिया, फिलीपींस व न्यूजीलैंड में दिखाई देगा।आगे पढ़ें……
ग्रहण का समय भारतीय समयानुसार प्रातः 8:07 पर ग्रहण स्पर्श होगा ग्रहण का मध्य होगा 9:46 पर एवं मोक्ष 11:26 मिनट पर होगा।सूर्य ग्रहण पर उपाय।जैसे कि बताया गया है कि भारत में सूर्य ग्रहण का धार्मिक महत्व नहीं है परंतु जिन जातकों की कुंडली में सूर्य ग्रहण दोष है सूर्य राहु या केतु (सूर्य+राहु, सूर्य+केतु) से पीड़ित है ऐसे जातकों को सूर्य ग्रहण पर स्नान, दान करना चाहिए। आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करना अत्यधिक शुभ फल कारक रहेगा। सूर्य ग्रहण के प्रभाव को कम करने हेतु लाल वस्तुओं का दान करें लाल वस्त्र, गेहूं, मसूर, तांबे का पात्र, स्वर्ण प्रतिमा, लाल फल, लाल पुष्प, तिल का तेल, नारियल, दक्षिणा इत्यादि।जिन जातकों का जन्म मेष राशि अश्विनी नक्षत्र में हुआ है उन सभी को सूर्य ग्रहण पर प्रात:काल गंगाजल से स्नान कर अन्न वस्त्र दान अवश्य करना चाहिए। ग्रहण काल में गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी। किसी भी धारदार हथियार का प्रयोग करने से बचें। सुई का प्रयोग ना करें। निद्रा से परहेज करें। इसके अतिरिक्त धार्मिक पुस्तकों का अध्ययन करें। गीता रामायण का पाठ करें।ज्योतिषाचार्य डॉ मंजू जोशी8395806256