नैनीताल। मोहनलाल साह बालिका विद्या मंदिर की ममता बिष्ट और श्वेता आर्य दो दोस्तों ने एक साथ उत्तराखंड बोर्ड में दसवीं की परीक्षा में प्रदेश में 19वां और 24वा स्थान हासिल कर प्रदेश में स्कूल सहित पूरे जनपद का नाम रोशन किया है। साथ ही एक सच्ची दोस्ती की मिसाल भी पेश की है।दोनों की इस उपलब्धि पर स्कूल की प्रधानाचार्य शबनम अहमद,व शिक्षिकाओं सहित परिजनों में खुशी की लहर है। आगे पड़े क्या है दोनों के सपने ……
टैक्सी चालक की बेटी ममता पुलिस फोर्स में जाकर करना चाहती है देश की सेवा। नैनीताल। चार्टन लॉज निवासी टैक्सी चालक हरीश सिंह बिष्ट और दीपा बिष्ट की पुत्री मोहन लाल साह वालिका विद्या मंदिर की छात्रा ममता बिष्ट ने उत्तराखंड बोर्ड दसवीं की परीक्षा में ममता बिष्ट ने हिंदी में 100, अंग्रेजी में 90, गणित में 100, विज्ञान में 96, सामाजिक विज्ञान में 90 और अतिरिक्त विषय पेंटिंग में 91 अंक के साथ कुल 476 अंकों के साथ प्रदेश में 19वां स्थान हासिल कर पुलिस फोर्स में जाकर देश की सेवा करना है। ममता ने बताया कि वे रोजाना 5 घंटे पढ़ाई किया करती थी। सेल्फ स्टडी कर उन्होंने सभी विषयों में अपनी बेहतर पकड़ बनाई। कुछ विषयों में जब कभी कोई शंका होती थी तो इंटरनेट मीडिया पर उपलब्ध वीडियो से वह उन्हें सुलझा लिया करती थी। पुलिस फोर्स में जाकर देश की सेवा करने का सपना रखने वाली ममता ने अन्य विद्यार्थियों को सेल्फ स्टडी कर विषयो पर पकड़ मजबूत बनने की सलाह दी है। साथ ही कहा कि इंटरनेट मीडिया का प्रयोग सही दिशा में किया जाए तो बहुत शिक्षण क्षेत्र के लिए बहुत लाभ लिया जा सकता है। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय शिक्षकों और स्वजनों को दिया है।आगे पढ़ें श्वेता के सपने…..
सिविल सर्विस के जरिये देश की सेवा करना चाहती है श्वेता आर्य। नैनीताल। नारायण नगर निवासी एटीआई में उपनल के पद पर कार्यरत आनंद प्रकाश व हाईकोर्ट में कर्यरत हेमा देवी की पुत्री मोहनलाल साह वालिका विद्या मंदिर की छात्रा श्वेता आर्य ने उत्तराखंड बोर्ड दसवीं की परीक्षा में हदी में 99,अंग्रेजी में 97,गणित में 89, विज्ञान में 99, सामाजिक विज्ञान में 99, जबकि अतिरिक्त विषय पेंटिंग में 96 अंक लाकर कुल 474 अंक प्राप्त कर प्रदेश में 24वां स्थान हासिल किया है।श्वेता ने बताया कि रोजाना तीन घंटे पढ़ाई कर उन्होंने यह मुकाम हासिल किया। कहा कि परीक्षा से करीब चार माह पूर्व से उन्होंने तैयारी तेज कर दी थी। इस बीच करीब तीन माह ट्यूशन भी लिया। गणित का निरंतर अभ्यास और स्कूल में पढ़ाई जा रहे विषयो का रिवीजन करना बेहद काम आया। वह सिविल सर्विस के जरिये देश की सेवा करना चाहती है। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय शिक्षकों, स्वजनों और ट्यूशन शिक्षक को दिया है।