नैनीताल। नगर में मंगलवार को बादल छाये रहे। जिस कारण साल का अंतिम चंद्रग्रहण यहां से साफ नहीं दिखाई दिया। मनोरा पीक पर स्थित आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज), वेधशाला में भी चंद्रग्रहण को देखने के लिए लोग पहुंचे। लेकिन साफ तस्वीरें दिखाई नहीं देने से कई लोग मायूस दिखाई दिये। वहीं घरों से भी लोगों ने विशेष उपकरणों की सहायता से ग्रहण देखने का प्रयास किया, लेकिन मौसफ साफ नहीं होने से उन्हें निराश होना पड़ा।
एरीज में शाम 5:19 बजे से 6:18 तक दूरबीन के माध्यम से चंद्र ग्रहण दिखाई दिया। वहीं एरीज के फेसबुक पेज और यूट्यूब चैनल के माध्यम से लाइव प्रसारण भी किया गया। 7:29 मिनट तक ग्रहण का आखिरी फेज रहा। एरीज के वैज्ञानिक डॉ. वीरेंद्र यादव ने बताया कि मौसम साफ नहीं होने से ग्रहण की स्पष्ट तस्वीरें नहीं देखी जा सकीं।
बंद रहे मंदिरों के कपाट
नैनीताल में नयना देवी मंदिर समेत पाषाण देवी, वैष्णो देवी, शनि मंदिर, हनुमान गढ़ मंदिर आदि के कपाट बंद रहे। इस दौरान भक्तों ने मंदिर के बाहर गेट मे माथा टेका। मंगलवार को चंद्र ग्रहण के दौरान भक्तों ने हनुमान मंदिर के बाहर एकत्र होकर घंटों तक पूजा-अर्चना की और हनुमान चालीसा का पाठ पढ़ा। नयना देवी मंदिर के प्रशासनिक अधिकारी सुरेश मेलकानी ने बताया कि चंद्र ग्रहण का सूतक काल खत्म होने के बाद मां नयना देवी के मंदिर प्रांगण को गंगा जल से शुद्ध किया गया, जिसके बाद मंदिर के कपाट भक्तों के दर्शन के लिए खोले गए। सूतक काल खत्म होने के बाद मंदिरों के शुद्धिकरण के बाद भक्तों के दर्शन के लिए मंदिर के कपाट खोले गए।