धर्म-संस्कृति

चीर बंधन के साथ मझेड़ा गांव में हुआ खड़ी होली का आगाज, देवताओं को अर्पित किया अबीर-गुलाल

गरमपानी: चीर बंधन के साथ गुरुवार से उत्तराखंड समेत पूरे कुमाऊं में खड़ी होली की शुरुआत हो चुकी है। घरों में लोगों ने देवी देवताओं को रंग चढ़ाया और पितरों को याद किया। वहीं बेतालघाट विकासखंड के मझेड़ा गांव में भी होली की चीर बंधन (ध्वज पूजन) व रंग छिड़कने के साथ खड़ी होली की धूम शुरू हो चुकी हैं। पुरोहित ने शुभ मुहूर्त में विधि विधान और मंत्रोच्चारण के साथ पूजा अर्चना कराई। जिसके बाद गांव में लोगों ने चीर बंधन कार्यक्रम शुरू किया।आगे पढ़ें

इस दौरान होल्यारों ने सिद्धि के दाता विघ्न विनाशक, होली खेले गिरजापति नंदन, कैले बाधी चीर हो रघुनंदन राजा गाते हुए विधि विधान से चीर बांधी। साथ ही अबीर, गुलाल लगा कर एक दूसरे को होली की शुभकामनाएं दी।वहीं चीर बंधन और रंग छिड़कने के साथ पूरे गांव में घर घर होली का गायन होने लगा है। गांव के पुरुषों, बुजुर्गों, महिलाओं की होली की बैठकों का दौर भी घरों में शुरू हो गया हैं।आगे पढ़ें

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बता दें कि पहाड़ के ग्रामीण इलाको में खड़ी होली गीत बहुत प्रसिद्ध है। इन होलियों के गायन की अपनी एक अलग ही विशेषता है। खड़ी और बैठकी होली सुर, लय, ताल के साथ वाद्य यंत्रों की मधुर धुन पर गाई जाती है।इस दौरान चीर बंधन में भुवन चंद्र पांडे, पुष्कर चंद्र पांडे, उमेश चंद्र उप्रेती, दीप चंद्र पांडे बब्बू, हरीश चंद्र पांडे, महेश चंद्र पांडे, हेम चंद्र उप्रेती, भास्कर पांडे, दीपक पांडे, राजेंद्र प्रसाद त्रिपाठी, मोहित, ओमकारेश्वर प्रसाद पांडे, अजय, दिगंबर, खजान, अरुण आदि मौजूद रहे।

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