डर के साये में स्कूली बच्चो को कई किमी पैदल चलकर जाना पड़ता है स्कूल…..
संतोष बोरा,भीमताल। धारी ब्लॉक के ग्राम सभा बबियाड के तोक बिरसिंग्याॅ के ग्रामीण बीते कई वर्षी से सड़क की मांग कर रहे है पर उनकी मांग पर कोई कार्यवाही नही हो रही है।
क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता रमेश टम्टा ने बताया कि ग्रामीण बीते कई वर्षों से लगातार शासन प्रशासन व स्थानीय जनप्रतिनिधियों से मोटर मार्ग की मांग कर चुके हैं, पर उनकी मांग पर कोई भी गौर नहीं कर रहा है। जिसके चलते ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कहा कि
मुख्य सड़क से पांच किलोमीटर दूरी पर एक अनुसूचित जाति बहुमूल्य क्षेत्र है, जहां आजादी से आज तक गांव की सड़क के लिए ग्रामीण लड़ते आ रहे हैं,लेकिन क्षेत्र के प्रतिनिधियों द्वारा ग्रामीणों को झूठा आश्वासन दिया जा रहा है, चुनाव के समय में प्रतिनिधियों द्वारा सड़क का सर्वे भी किया जाता है। लेकिन चुनाव जीतने के बाद जनप्रतिनिधि भी गायब हो जाते हैं।
उन्होंने कहा कि कृषि बाहुल्य क्षेत्र होने के चलते यहां के ग्रामीणों की आजीविका का एकमात्र साधन कृषि है, और सड़क मार्ग नहीं होने के चलते काश्तकारों को अपने उत्पादों को मंडियों तक पहुंचाने में काफी लागत लग जाती है।जिससे कई बार उनको उनकी लागत का मूल्य भी नहीं मिल पाता है। वहीं दूसरी ओर समस्या तब विकराल हो जाती है, जब गांव में कोई बीमार हो जाता है तो उसको डोली के सहारे मुख्य सड़क मार्ग तक लेकर आना पड़ता है। वही डर के साये में जंगल के रास्ते स्कूली बच्चो को भी कई किमी पैदल चल स्कूल जाना पड़ता है।जिसके चलते अब धीरे-धीरे लोग गांव से पलायन भी करने लगे हैं, और अगर ऐसा ही रहा तो आने वाले कुछ सालों में इस कृषि बाहुल्य क्षेत्र में कुछ ही लोग रह जाएंगे।
साथ ही उन्होंने कहा कि सड़क मार्ग नहीं होने के चलते अब उनके गांव के बेटों के लिए रिश्ते आने भी कम हो चुके है। कोई भी अपनी बेटी उनके गांव में देना नही चाहता है।
बता दें कि इससे पूर्व ग्रामीण कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत जिलाअधिकारी धीरज सिंह गर्ब्याल सहित जनप्रतिनिधियों को सड़क मार्ग की मांग को लेकर ज्ञापन सौंप चुके हैं।