एनसीईआरटी के मार्गदर्शन में राज्य स्तर पर राज्य शैक्षिक एवं अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद एस सी ई आर टी उत्तराखंड द्वारा पर्यावरणीय शिक्षा के राज्य फोकस ग्रुप के सदस्यों के साथ एक वेबीनार आयोजित कर पर्यावरण शिक्षा के पोजिशन पेपर को अंतिम रूप प्रदान किया गया।
सेमिनार की अध्यक्षता, चेयर पर्सन डॉ उमेश चमोला तथा संचालन सदस्य सचिव डॉo हिमांशु पांडे द्वारा किया गया। वेबीनार के दौरान पर्यावरण के क्षेत्र में विशेष योगदान देने वाले सम्मानित सदस्यों प्रोफेसर विनय नौटियाल, डॉo जे पी पांडे, डॉक्टर केवलानंद कांडपाल, नंदकिशोर हटवाल, कुसुम लता वर्मा, प्रकाश पंत आदि सहित आमंत्रित सदस्य के रूप में शिक्षक गौरीशंकर कांडपाल आदि द्वारा प्रतिभाग कर अपने विचार रखे गए। पर्यावरण शिक्षा के राज्य फोकस ग्रुप में रवीन्द्र बड़थवाल, ममता राणा, सोनालीका ग़रई, रेखा बोरा, प्रकाश पंत आदि द्वारा योगदान दिया जा रहा है।
कार्यक्रम के प्रथम चरण में पोजिशन पेपर के संबंध में डॉo उमेश चमोला द्वारा विस्तृत जानकारी प्रदान की गई एवं द्वितीय चरण में पर्यावरण के क्षेत्र में नवाचारी गतिविधियों को केंद्रित करने पर बल दिया गया। इस अवसर पर सदस्य सचिव डॉ हिमांशु पांडे ने सुझाव दिया पर्यावरण संरक्षण हेतु पर्यावरण विषय को अन्य गतिविधियों एवं अभियानों जैसे टाइड टर्नर चैलेंज नमामि गंगे अभियान आदि के साथ जोड़कर आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। वरिष्ठ पर्यावरणविद वी के नौटियाल ने हमारे वेद पुराण एवं अन्य ग्रंथों में सन्निहित पर्यावरणीय संबोध को व्याख्या के साथ जनमानस तक ले जाने पर बल दिया। संस्कृतिकर्मी शिक्षक गौरीशंकर कांडपाल द्वारा लोकगीत एवं लोक संस्कृति के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण की मुहिम में विद्यार्थियों को जोड़े जाने की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अध्याय 22 में वर्णित भारतीय भाषाओं कला संस्कृति के संवर्धन के साथ जोड़ने हेतु अपने विचार रखे। जिससे न केवल पर्यावरण बल्कि कला और संस्कृति का भी संरक्षण एवं संवर्धन हो और भावी पीढ़ी इसके प्रति संवेदनशील हो पाए।
सभी के विचारों का संकलन कर राज्य स्तरीय पोजीशन पेपर को अंतिम रूप दिया जाएगा।