16 फरवरी 2023 दिन गुरुवार को स्मार्त (गृहस्थियों ) का विजया एकादशी उपवास रखा जाएगा। एवं वैष्णव (सन्यासियों) का उपवास 17 फरवरी 2023 दिन शुक्रवार को रखा जाएगा।फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि को विजया एकादशी पर्व के रूप में मनाया जाता है विजया एकादशी का उपवास एवं भगवान विष्णु की पूर्ण श्रद्धा भाव से पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है एवं सभी रुके हुए कार्यों में विजय प्राप्त होती है।आगे पढ़ें
मुहूर्त16 फरवरी 2023 (दशमी तिथि क्षय) एकादशी तिथि प्रारंभ प्रातः 5:52 मिनट से 17 फरवरी रात्रि प्रातः 2:52 तक।एकादशी व्रत पारण 17 फरवरी प्रातः 8:01 से 9:13 तक।आगे पढ़ें
पूजा विधि ब्रह्म मुहूर्त में नित्य कर्म से निवृत्त होकर संपूर्ण घर को स्वच्छ करने के उपरांत स्नान करें एवं स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को साफ करें। संपूर्ण घर एवं पूजा स्थल पर गंगाजल का छिड़काव करें। घर के मंदिर में घी या तिल के तेल से अखंड ज्योत प्रज्वलित करें। भगवान विष्णु को चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर स्थान प्रदान करें। गंगाजल से स्नान कराएं। पीतांबर अर्पित करें। भगवान विष्णु को रोली, कुमकुम, चंदन, पंचमेवा, पंच मिठाई, तुलसी, घी की अखंड ज्योति भगवान विष्णु के समक्ष प्रज्वलित करें। श्री हरि विष्णु को भोग अर्पित करें। विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। सत्यनारायण की कथा का पाठ करना भी शुभ फल कारक रहेगा। घी की 11 ज्योति जला कर भगवान विष्णु की आरती करें। अपनी सामर्थ्य अनुसार जरूरतमंद व्यक्तियों को अन्न, वस्त्र, भेंट इत्यादि दान करें। ज्योतिषाचार्य डॉ मंजू जोशी 8395806256