आज शुक्रवार को मोक्षदा एकादशी उपवास रखा जाएगा।मार्गशीर्ष माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी उपवास रखा जाता है। धार्मिक मान्यतानुसार श्री हरि विष्णु प्रसन्न होकर मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं और मृत्यु के उपरांत बैकुंठ लोक की प्राप्ति होती है। पौराणिक मान्यतानुसार द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने इसी दिन अर्जुन को कुरुक्षेत्र में गीता का ज्ञान दिया था इसलिए इस तिथि को मोक्षदा एकादशी कहा जाता है धार्मिक मान्यता है कि मोक्षदा एकादशी उपवास के प्रभाव से मनुष्य के पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है सभी कष्टों का नाश होता है।आगे पढ़ें…..
मोक्षदा एकादशी उपवास निर्णय इस प्रकार होगा। द्वादशी तिथि का क्षय हो जाने के कारण स्मार्त (गृहस्थियों) का मोक्षदा एकादशी का उपवास 22 दिसम्बर 2023 को होगा क्योंकि रविवार को पारण के लिए द्वादशी तिथि कला मात्र भी उपलब्ध नहीं होने से शनिवार को औदयिकी एकादशी में स्मार्तजनो (गृहस्थियों) के लिए उपवास पूर्ण निषेध है। इस सम्बन्ध में वृद्ध वशिष्ठ जनों का यह वाक्य विशेष रूप से विचारणीय है।द्वादशी स्वल्पमल्पापि यदि न स्यात्परेहनि दशमी-मिश्रिता कार्या महापातकनाशिनी अतः स्पष्ट है कि स्मार्तों गृहस्थियों) का एकादशी उपवास गीता जयंती 22 दिसंबर 2023 को मनाना शास्त्रसम्मत है। जबकि वैष्णवजन (सन्यासी)अपनी परम्परानुसार एकादशी उपवास 23 दिसम्बर 2023 को करेंगे।आगे पढ़ें…….….
मुहूर्तमोक्षदा एकादशी तिथि प्रारंभ 22 दिसंबर 2023 प्रातः 8:18 से 23 दिसंबर प्रातः 7:14 मिनट तक। एकादशी व्रत पारण 23 दिसंबर 2023 अपराह्न 1:23 से 3:27 तक।पूजा विधिनित्य कर्म से निवृत्त होकर स्नानादि कर पूजा स्थल व पूरे घर को स्वच्छ करें। पूजा स्थल पर गंगाजल का छिड़काव करें। उपवास का संकल्प लें श्री हरि विष्णु को गंगाजल से स्नान कराने के उपरांत आसन प्रदान करें। भगवान विष्णु के सम्मुख घी का दीपक प्रज्वलित करें। पीतांबर अर्पित करें। भगवान विष्णु को रोली, कुमकुम, धूप, पंचामृत, पीले पुष्प, पीले लड्डू ,पानसुपारी, तुलसी के 11 पत्ते, अर्पित करें गीता के ग्यारवे अध्याय का पाठ करें। विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। श्री हरि विष्णु को मखाने से बनी हुई खीर भोग में चुटकी भर हल्दी डालकर अर्पित कर सकते हैं। 11 घी के दीपक व कपूर जलाकर विष्णु भगवान की आरती करें। अखंड ज्योत व्रत संपन्न होने तक प्रज्वलित रखें।आगे पढ़ें……
मोक्षदा एकादशी पर कुछ उपाय करने से लाभ प्राप्त होगा। 1–धार्मिक मान्यता अनुसार मोक्षदा एकादशी पर अन्नदान करना शुभ माना जाता है जिन भी जातकों पर पित्र दोष का प्रभाव हो इस दिन पीली वस्तुओं का दान करें। पितरों की आत्मा को मोक्ष प्राप्त होगा और आपकी कुंडली में पित्र दोष का प्रभाव कम होगा। 2–जिन जातकों को आर्थिक परेशानी हो या ऋण आदि से पीड़ित हो तो ऐसे जातक मोक्षदा एकादशी पर पीपल में जल अर्पित करें व सरसों के तेल से दीपक जलाएं। शास्त्रों के अनुसार पीपल में भगवान विष्णु का वास माना गया है ऐसा करने से आपको ऋण से मुक्ति प्राप्त होगी साथ ही आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। 3 पारिवारिक माहौल सौहार्दपूर्ण बनाने हेतु मोक्षदा एकादशी पर गाय को गुड़ व चना और हरा चारा खिलाएं क्योंकि गाय में 33 कोटि देवी देवताओं का वास होता है।