नैनीताल। बुधवार को श्रमिक संयुक्त मोर्चा के नेतृत्व में उत्तराखंड के विभिन्न राजनीतिक सामाजिक व श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत व डीआईजी को ज्ञापन सौंप कर आधा दर्जन श्रमिक नेताओं पर जिला प्रशासन द्वारा गैर-कानूनी तरीके से की जा रही कुंडा एक्ट की कार्रवाई को निरस्त किए जाने, पुलिस द्वारा डॉल्फिन फैक्ट्री के गुंडों द्वारा मजदूरों पर किए गए हमले एवं महिलाओं के साथ की गई छेड़खानी के मुकदमे को दर्ज करने, श्रमिक नेताओं पर लगाए गए लूट के मुकदमे को निरस्त करने तथा सिडकुल समेत सभी औद्योगिक व्यापारिक व सेवा संस्थानों में श्रम कानून का अनुपालन किए जाने की मांग की।आगे पढ़ें
प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि ताजा घटनाक्रम में सिडकुल, पंतनगर में बुनियादी श्रम कानूनों को लागू करने, मालिक के गुंडों के हमलों व दमन के खिलाफ डॉलफिन मज़दूरों के जारी आंदोलन के दौरान उधमसिंह नगर के जिलाधिकारी द्वारा इंकलाबी मज़दूर केंद्र के पूर्व अध्यक्ष कैलाश भट्ट सहित डॉलफिन मज़दूर संगठन के नेताओं ललित कुमार, सोनू कुमार, वीरु सिंह, बबलू सिंह और राजेश सक्सेना पर गुंडा एक्ट लगाने एवं जिला बदर करने की चेतावनी के साथ नोटिस जारी किये गये हैं। जिले के एसएसपी की फर्जी रिपोर्ट के आधार पर 19 जून को जारी किये गये इन नोटिसों की भाषा भी बेहद निम्न स्तरीय और आपत्तिजनक है। ऊधम सिंह नगर का जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन नियम कानून व संवैधानिक मर्यादाओं को ताक पर रखकर मैनेजमेंट के इशारों पर काम कर रहा है। जिसके कारण मजदूरों एवं क्षेत्र की जनता का कानून व्यवस्था से विश्वास खत्म होने लगा है अतः इस समूचे मामले की निष्पक्ष जांच बेहद जरूरी है। इस दौरान राजीव लोचन साह, प्रभात ध्यानी, मुनीश कुमार,दिनेश तिवारी,मुकुल, इंकलाबी,रोहित,रजनी, कैलाश जोशी, हरेंद्र सिंह,ललित,नील मेटल,पंकज जोशी,महेश, कैलाश भट्ट, दिनेश उपाध्याय,भावना पांडे आदि मौजूद रहे।