कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल के शोध एवम प्रसार निदेशक प्रो.ललित तिवारी ने मानव संसाधन विकास केंद्र द्वारा आयोजित फैकल्टी इंडक्शन कार्यक्रम जैव विविधता एवम औषधीय पौधों पर दो व्याख्यान दिए। प्रो.तिवारी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याओं को कम करने में पौधों का संरक्षण महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
उन्होंने कहा कि जैव विविधता पर्यावरण संरक्षण एवम सभी प्रकार के जीवन के लिए अतिअवशायक है।विश्व की आर्थिकी के साथ साथ हिमालय राज्यों के पर्वतों के संरक्षण में भी जैव विविधता महत्वपूर्ण है। प्रो.तिवारी ने कहा कि ऋषि च्यवन के नाम पर च्यवनप्राश रखा गया तथा इससे प्रयुक्त होने वाले अष्टवर्ग पौधों के विषय में व्यापक जानकारी दी तथा कहा की उनके संरक्षण हेतु नियम प्रतिपादित करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में औषधीय पौधों की खेती के साथ फलों की खेती को बढ़ावा देने की जरूरत है जिससे आर्थिकी में बढ़ोतरी की जा सके तथा इससे जंगली जानवरों के लिए नियम करते हुए पारिस्थितिक संतुलन बनाना जरूरी है।इस कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल,बिहार,उत्तराखंड,पंजाब, असम,चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश,महाराष्ट्र, ओडिसा,दिल्ली,तमिलनाडु, पंडुचेरी के 67प्रतिभागी प्राध्यापक भाग ले रहे हैं।