नैनीताल। शहर से हाईकोर्ट शिफ्टिंग को लेकर मंगलवार को अधिवक्ताओं ने शहर के अन्य संगठनों के साथ मिलकर विरोध करते हुए जुलूस निकाला गया। इस मौके पर नैनीताल से हाईकोर्ट शिफ्ट करने के मामले में वक्ताओं ने कहा कि सरकार का यह निर्णय गलत है, वह पहाड़ी क्षेत्र की उपेक्षा कर रही है।
पूर्व सांसद महेंद्र पाल और अधिवक्ता नितिन कार्की के नेतृत्व में मंगलवार को अधिवक्ता और विभिन्न संगठनों के लोग मल्लीताल श्रीराम सेवक सभा परिसर में एकत्र हुए, जहां वक्ताओं ने हाईकोर्ट शिफ्टिंग का एकजुट होकर विरोध किया। इस मौके पर महेंद्र पाल ने कहा कि हाईकोर्ट शिफ्ट होने का मुद्दा सीधे तौर पर पहाड़ी क्षेत्र से हो रहे पलायन से जुड़ा है। कहा कि पहले भी कई छोटे-बड़े कार्यालय नैनीताल से अन्यत्र स्थानों पर शिफ्ट होने से पहाड़ी क्षेत्र की उपेक्षा की गई है। अब हाईकोर्ट भी अन्यत्र शिफ्ट कर सरकार पहाड़ी क्षेत्र की उपेक्षा करना चाहती है। ऐसा नहीं होने दिया जाएगा।
कहा यदि हाईकोर्ट शिफ्ट किया गया तो आने वाले दिनों में उग्र आंदोलन किया जाएगा। इसके बाद यहां से हाथों में बैनर और पोस्टर लेकर जुलूस निकाला गया, जो मल्लीताल बड़ा बाजार, मॉल रोड होते हुए तल्लीताल डांठ पर पहुंचा। तल्लीताल डांठ पर सभा का आयोजन किया गया। जहां हाई कोर्ट शिफ्टिंग को लेकर आगे की रणनीति पर चर्चा की गई। विरोध में जमकर नारेबाजी भी की गई।
इस दौरान पालिकाध्यक्ष सचिन नेगी, पूर्व दर्जा राज्यमंत्री रमेश पांडे, सैयद नदीम मून, डीके जोशी, संजय कुमार संजू, रमन साह, योगेश पचौलिया, मुकेश जोशी, मनोज जोशी, जयवर्धन कांडपाल, जेके लखेड़ा, राजेंद्र परगाई, पप्पन जोशी, नवीन पंत, मुन्नी तिवारी, भावना भट्ट, कुंदन बिष्ट, मनोज साह जगाती, बबलू कांडपाल आदि ने समर्थन दिया।