नैनीताल। मानव संसाधन विकास केंद्र कुमाऊं यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित पर्यावरण विज्ञान के पुनर्नाच्या कार्यक्रम में शुक्रवार को प्रो ललित तिवारी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्राइमरी एजुकेशन से ही पर्यावरण संरक्षण की संवेदना मिलेगी तथा हर विषय का विद्यार्थी पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनेगा।विद्यार्थी अपने स्वास्थ के साथ पर्यावरण स्वास्थ के प्रति जागरूक रहेगा।
उन्होंने बताया की पृथ्वी में अनुवांशिक जातीय व पारिस्थितिक तीन प्रकार की जैव विविधता मिलती है।हमें कार्बन का उत्सर्जन कम करना होगा,जिससे तापक्रम पर नियंत्रण हो सकेगा तथा सतत विकास में सभी को योगदान सुनिश्चित करना होगा। साथ ही पौधे के विकास हेतु सभी जलवायु कारकों को संरक्षित करना होगा।भारत में 7500 औषधीय पौधे है।हर्बल पौधे स्वस्थवर्धक है इनके संरक्षण की तरफ हमे क्रियाशील रहना होगा।