ज्योतिषाचार्य डॉ मंजू जोशी ने बताया किबुधवार को मौनी अमावस्या स्नान,दान तथा उपवास रहेगा। हिंदू सनातन धर्म में मौनी अमावस्या का विशेष महत्व है, इस वर्ष मौनी अमावस्या पर महाकुंभ का अमृत स्नान भी होगा। मौनी अमावस्या तिथि पर ही समुद्र मंथन से निकले हुए कलश से अमृत की बूंदे पृथ्वी लोक पर गिरी थी। इसलिए धार्मिक मान्यता अनुसार मौनी अमावस्या तिथि को किसी पवित्र नदी में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। मुख्य रूप से अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित होती है, इस दिन पितृ तर्पण तथा पित्र भोज से सभी समस्याओं का निदान होता है, तथा जन्म कुंडली में उपस्थित पितृ दोष समाप्त होता है।आगे पढ़ें मुहूर्त और उपाय
मुहूर्त और उपाय अमावस्या तिथि प्रारंभ 28 जनवरी 2025 दिन मंगलवार सायं काल 7:38 से 29 जनवरी 2025 दिन बुधवार सायं काल 6:08 तक। उपाय मौनी अमावस्या पर किसी पवित्र नदी में स्नान करें यदि यह संभव नहीं है तो गंगाजल से घर पर ही स्नान कर सकते हैं। पितरों के निमित्त तर्पण तथा कच्चा भोजन ब्राह्मण को दान करें। भगवान विष्णु की उपासना करें तथा काले तिल दान करें। पीपल के वृक्ष पर कच्चा दूध व काले तिल डालकर जल अर्पित करें। पीपल की वृक्ष पर सरसों के तेल से दीपक प्रज्वलित करें। शनि की महादशा, साडेसाती, ढैया से पीड़ित व्यक्ति घर के मुख्य द्वार के ऊपर घोड़े की नाल रखें।