देहरादून: राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा (NOPRUF), उत्तराखंड द्वारा टि्वटर द्वारा 16 जनवरी के कार्यक्रम की घोषणा कर दी गयी है।
संयुक्त मोर्चा के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ० डी० सी० पसबोला की अध्यक्षता में इस सम्बन्ध में आज सांय वर्चुअल मीटिंग भी आहूत की गयी। मीटिंग का संचालन प्रदेश महासचिव सीताराम पोखरियाल द्वारा किया गया। जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष बी पी सिंह रावत के आवाह्न पर प्रदेश कार्यकारिणी द्वारा प्रदेश के समस्त एनपीएस कार्मिकों से 16 जनवरी 2022 को हैशटैग वोट फॉर ओपीएस अभियान चलाने का आवाह्न किया गया। इधर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा उत्तर प्रदेश चुनाव तथा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल द्वारा हरियाणा तथा पंजाब चुनाव के दृष्टिगत पुरानी पेंशन बहाली के ऐलान से एनपीएस कार्मिकों में पुरानी पेंशन बहाली की आस जगी है। प्रदेश प्रभारी विक्रम रावत द्वारा भी टि्वटर अभियान सफल बनाने का संदेश दिया गया।
आगे डॉ० पसबोला द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि प्रमुख पार्टियों को पुरानी पेंशन बहाली मांग को नजरंदाज नहीं करना होगा, गंभीरता पूर्वक घोषणा पत्र में रखना पहला कदम होना चाहिए ।
देश का एनपीएस कार्मिक टक टकी लगाए बैठा है आस और उम्मीद भी लगाए बैठा है कोई राज्य तो होगा जो एनपीएस कार्मिकों की पीड़ा को समझते हुए बुढ़ापे का सहारा पुरानी पेंशन बहाली आदेश लागू करके पूरे देश में एक बड़ा संदेश देने का शानदार आगाज करे ।
वर्तमान समय में पांचों राज्यों में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है एनपीएस कार्मिक भी अपनी ताकत से निर्णायक भूमिका निभाने के लिए तत्पर है पुरानी पेंशन बहाली की मांग सबसे बड़ा मुद्दा बन चुका है एनपीएस कार्मिक अपने परिवार जनों मित्र जनों के साथ इस बार सिर्फ पुरानी पेंशन बहाली मुद्दे के लिए पूरी तैयारी में होगा।
शनिवार की वर्चुअल मीटिंग को सफल बनाने में उपाध्यक्ष देवेन्द्र बिष्ट, महिला उपाध्यक्ष योगिता पंत, कुमाऊं मंडल प्रभारी योगेश घिल्डियाल, गढ़वाल मंडल अध्यक्ष जयदीप रावत, गढ़वाल मंडल सचिव नरेश कुमार भट्ट, प्रांतीय प्रेस सचिव कमलेश कुमार मिश्र, रणवीर सिंधवाल, अंकित रौथाण, पूरन सिंह फरस्वाण, पुष्पा नेगी, विकास थपलियाल, त्रिलोक रावत, शंकर पांडे, महावीर मेहता, कुलदीप राणा, मुरली मनोहर भट्ट, गुरुदेव रावत, राजीव उनियाल, नवीन कुमार सैनी, हिमांशु जगूड़ी, जसपाल सिंह रावत, नीलम बिष्ट, शशि चौधरी, रजनी रावत, हीरा भट्ट आदि पदाधिकारियों ने भी अपना प्रमुख योगदान दिया।