धर्म-संस्कृति

नीम करौली महाराज के दर्शन को उमड़ा भक्तों का सैलाब भक्तिमय हुवा कैंची धाम

दो साल बाद भक्तों को मिला मालपुए के रूप में बाबा नीम करौली महाराज का आशीर्वाद

नैनीताल/ भवाली। 15 जून  कैंची धाम स्थापना दिवस ,कोरोना महामारी के चलते बीते दो वर्षों से बाबा नीम करौली महाराज के धाम कैंची में मेले का आयोजन नही हुवा था लेकिन इस बार 15 जून को भव्य रुप से मेले का आयोजन  किया गया,जिसमें देश विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा का आशीर्वाद लेने पहुँच। भक्तों को बाबा के दर्शन करने में कोई दिक्कत ना हो इसलिए प्रशासन द्वारा भवाली से कैंची धाम तक यातायात पूरी तरह से बंद किया था। शटल सेवा के जरिए श्रद्धालु भवाली से बाबा के दर्शन करने पहुँच रहे थे, वही भवाली से कैंची धाम तक सड़क मार्ग में जगह जगह लोगो द्वारा श्रद्धालुओं के लिए स्टाल लगा कर सरबत व लंगर की ब्यवस्था की गई थी। तथा अल्मोड़ा रानीखेत से आने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों को खैरना में पार्क कर वहाँ से शटल सेवा के माध्यम से श्रद्धालुओं को कैंची धाम तक भेजा जा रहा था। नीम करौली महाराज के दर्शन करने के लिए श्रद्धालु कड़ी धूप में घंटो लंबी कतारों में अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। दर्शन करने के बाद निकासी द्वारा पर भक्तों को बाबा का प्रसाद मालपुए वितरित किए गए।

बाबा नीम करौली को माना जाता है भगवान हनुमान का अवतार

कहा जाता है कि बाबा नीम करौली भगवान हनुमान की उपासना करने के बाद अनेक चमत्कारिक सिद्धियां प्राप्त हुई थीं। लोग उन्हें हनुमान जी का अवतार भी मानते हैं लेकिन बाबा बेहद साधारण तरीके से रहते थे और अपने पैर किसी को नहीं छूने देते थे। कहते हैं बाबा हमेशा ही राम नाम का स्मरण करते रहते थे। नीम करौली  बाबा के देश विदेशों में कई आश्रम है इनमें से सबसे बड़ा आश्रम कैंची धाम और अमेरिका के न्यू मैक्सिको सिटी में स्थित टाउस आश्रम है। 

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चमत्कारी कथाओं से विख्यात है बाबा का धाम

स्थानीय लोगों के अनुसार एक बार भंडारे के दौरान प्रसाद बनाते समय  घी कम पड़ गया था तभी बाबा ने एक कनिस्तर में नीचे बहने वाली शिप्रा नदी से पानी मंगवाया और उस पानी को प्रसाद में डाला तो कनिस्टर का पानी घी में बदल गया। इसी प्रकार भक्तों का कहना है कि बाबा अपने भक्तों से अत्यधिक प्रेम करते थे। इसलिए एक बार बाबा ने भक्तों को तेज धूप से बचाने के लिए बादल की छतरी बना कर भक्तों को उनकी मंजिल तक पहुंचाया। 

देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी है बाबा के भक्त

फेसबुक और एप्पल के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग व स्टीव जॉब्स को राह दिखाने वाले नीम करौली बाबा पश्चिमी देशों में भारत की विरासत का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनके आश्रम में न केवल देशवासियों को ही, बल्कि पूरी दुनिया को प्रसन्न और खुशहाल बनने का रास्ता मिलता है।बाबा सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपने चमत्कारों की वजह से जाने जाते हैं। लोकप्रिय लेखक रिचर्ड अल्बर्ट ने “मिरेकल ऑफ लव” नाम से बाबा पर एक पुस्तक लिखी। इसी के साथ हॉलीवुड अभिनेत्री जूलिया राबर्ट्स, फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग, एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स सहित अन्य विदेशी हस्तियां बाबा के भक्त हैं। 

नीम करौली बाबा हनुमान जी के बहुत बड़े भक्त थे उन्होंने अपने जीवनकाल में लगभग 108 हनुमान मन्दिर बनवाए थे। 1960 में जब एक लेखक ने बाबा पर पुस्तक लिखी तब बाबा को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली। बाबा ने अपनी समाधि के लिए वृंदावन की पावन भूमि को चुना था। 10 सितम्बर 1973 को बाबा की मृत्यु हो गई। उनकी याद में आश्रम में उनकी प्रतिमा स्थापित की गई है। 

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