धर्म-संस्कृति

कुमाऊँ विश्वविद्यालय के शोध अनुभाग के नए भवन का हुआ लोकापर्ण 

विश्वविद्यालय को बहुआयामी एवं बहूद्देशीय बनाते हुए विद्यार्थियों में छिपी हुई नैसर्गिक प्रतिभा को तलाशाने व तराशने के प्रयास किया जायेगा – कुलपति प्रो एनके जोशी
किसी भी क्षेत्र में शिक्षा, संस्कृति और समरसता में विश्वविद्यालय की भूमिका अहम है। ऐसी ही भावना के साथ कुमाऊँ विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है। विश्वविद्यालय इसी पथ पर अग्रसर है और बेहतरीन परिणाम आना प्रारंभ हो गए हैं। यह उदगार गुरुवार को कुमाऊँ विश्वविद्यालय के शोध अनुभाग के नए भवन के लोकापर्ण में कुलपति प्रो एनके जोशी ने अभिव्यक्त किए। उन्होंने विश्वविद्यालय को बहुआयामी एवं बहूद्देशीय बनाने की दिशा में प्रयास करते हुए विद्यार्थियों में छिपी हुई नैसर्गिक प्रतिभा को तलाशाने व तराशने के प्रयास करने पर बल दिया।
गुरुवार को कुमाऊँ विश्वविद्यालय के शोध अनुभाग के नए भवन का लोकापर्ण कुलपति प्रो एनके जोशी द्वारा किया गया। शोध अनुभाग के नए भवन का लोकापर्ण वैदिक मंत्रोचार के साथ किया गया। इस अवसर पर सभी आमंत्रित प्राध्यापकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों का स्वागत निदेशक शोध एवं प्रसार प्रो ललित तिवारी द्वारा स्वागत किया। 
इस दौरान कुलसचिव दिनेश चंद्रा, निदेशक डीएसबी परिसर प्रो एलएम जोशी, परीक्षा नियंत्रक प्रो एचसीएस बिष्ट, वित्त नियंत्रक श्रीमती अनीता आर्या, उप कुलसचिव दुर्गेश डिमरी व विश्वविद्यालय के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।

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