उत्तराखंड में 14 फरवरी को पांचवें विधानसभा चुनाव संपन्न हुए हैं, जिनका नतीजा 10 मार्च को आयेगा, लेकिन मतगणना से पहले इस बार नतीजों की स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है।
प्रदेश में विधानसभा चुनावों के नतीजे इस बार चौकाने वाले हो सकते हैं,क्योंकि कोई भी राजनीतिक विश्लेषक इस बार चुनाव नतीजों पर सटीक जवाब नहीं दे पा रहे हैं, सभी राजनीतिक विश्लेषकों ने चुप्पी साध रखी है, ऐसे में नतीजों को लेकर असमंजस की स्थिति भी बनी हुई है।
भीमताल विधानसभा सीट से भी कांग्रेस प्रत्याशी दान सिंह भंडारी,भाजपा प्रत्याशी राम सिंह कैड़ा,यूकेडी प्रत्याशी राहुल जोशी,आम आदमी प्रत्याशी सागर पांडे तथा निर्दलीय लाखन सिंह नेगी व मनोज साह के बीच मुकाबला हुवा है, लेकिन नतीजों को लेकर यहां पर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार मुख्य रूप से कांग्रेस भाजपा व निर्दलीय लाखन सिंह नेगी के बीच कड़ा मुकाबला बताया जा रहा है। वही विशेषज्ञों का कहना है कि भीमताल विधानसभा में प्रत्याशी की जीत हार में अहम भूमिका ओखलकांडा ब्लॉक के मतदाता निभाते हैं। इसलिए अनुमान लगाया जा रहा है कि ओखलकांडा ब्लॉक से जो प्रत्याशी सबसे ऊपर रहेगा वह जीत के करीब पहुँच सकता है।
वही विधानसभा के न्यूट्रल वोटरों ने भी इस बार अपनी अहम भूमिका निभाई है, जिसके चलते सभी प्रत्याशियों की धुकधुकी बड़ी हुई है। जिसको लेकर विशेषज्ञों द्वारा अनुमान लगाया जा रहा है कि निर्दलीय प्रत्याशी लाखन नेगी भाजपा कांग्रेस का खेल बिगाड़ कर 2017 वाला इतिहास भी दोहरा सकते हैं।
बता दें कि 2017 विधानसभा चुनाव के दौरान वर्तमान में भाजपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़े राम सिंह कैड़ा ने भाजपा व कांग्रेस को पराजित कर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जीत दर्ज की थी। लेकिन अपने पांच साल के कार्यकाल को लगभग पूरा करने के बाद वे भाजपा में शामिल हो चुके थे।