नैनीताल। नैनीझील एवं भीमताल झील में वर्षों से जमा सिल्ट को प्रोफेशनल एवं वैज्ञानिक विधि से निकाले जाने के लिए राज्यपाल की ओर सिंचाई विभाग को डीपीआर तैयार किये जाने के निर्देश दिये गये है। झीलों में सिल्ट की मात्रा के सही आकलन किये जाने के लिए बैथी मैट्रिक सर्वे की आवश्यकता होती है।इसलिए राष्ट्रीय जल सर्वेक्षण टीम नैनीझील में बैथी मेट्रिक सर्वे करेगी।पूर्व में भारतीय जल सर्वेक्षण टीम की ओर नैनीझील का स्थलीय निरीक्षण कर लिया गया है।और प्रारम्भिक डाटा सिंचाई विभाग एवं नगर पालिका को दे दिया गया है।अब लगभग 15 जुलाई से नैनीझील में बैथी मैट्रिक सर्वेक्षण का कार्य शुरू कर दिया जायेगा। सर्वेक्षण से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर ही प्रोफेशनल एवं वैज्ञानिक विधि से झील में जमा सिल्ट को निकाले जाने के लिए डीपीआर गठित की जाएगी।साथ ही भीमताल झील में भी बैथी मैट्रिक सर्वेक्षण का काम भारतीय जल सर्वेक्षण की ओर से करवाने का प्रयास किया जायेगा।आगे पढ़ें
आठ साल पहले हुई थी नैनी झील की सफ़ाई वर्ष 2016 में झील का जलस्तर निम्न स्तर पर पहुँच गया था। उस समय लोनिवि ने झील के नक़्शे के आधार पर झील की सफ़ाई करवाई थी। जिसमें हज़ारों घन मीटर मलवा जेसीबी मशीनों के माध्यम से निकाला गया था।2017 से पहले नैनी झील की देखरेख का ज़िम्मा लेनिवि का था वर्ष 2017 से पहले नैनी झील के रखरखाव की ज़िम्मेदारी लोनिवि की हुआ करती थी लेकिन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के आदेश के बाद नैनी झील और नालों के रखरखाव का काम सिंचाई विभाग को सौंप दिया गया।जिसके बाद सिंचाई विभाग की ओर से नैनी झील का रखरखाव किया जाता हैराज्यपाल की ओर से नैनी झील की सफ़ाई के आदेश मिले हैं।जिसमें भारतीय जल सर्वेक्षण की ओर से 15 जुलाई से बैथी मैट्रिक सर्वेक्षण का काम किया जाएगा।जिसके आधार पर विभाग प्रस्ताव गठित करेगा।अनिल कुमार वर्मा, अधिशासी अभियंता सिंचाई विभाग