नैनीताल। नैनीताल जनपद के पंगोट विनायक कुंजाखड़क मार्ग में 3260 मीटर ऊंची चोटी पर स्थित ब्रह्मा स्थली में 13वीं शताब्दी में गर्ग ऋषि द्वारा तपस्या की गई थी, और उनके द्वारा इसी स्थान पर भगवान ब्रह्मा का मंदिर भी स्थापित किया।
मंदिर के बाबा माधव मुनि ने बताया कि यह भारत में पुष्कर राजस्थान के बाद दूसरा भगवान ब्रह्मा का मंदिर है। जिसकी स्थापना 13वीं शताब्दी में की गई थी। उंन्होने बताया कि जब गांवों में ग्रामीणों की गाय भैंस गर्भवती नहीं हो पाती थी तो यहां पर मन्नत मांगने से गाय भैंस गर्भवती हो जाती है और बाद में उनका दूध यहां पर बने कुंड में चढ़ाया जाता है।
बाबा ने बताया कि मंदिर निर्माण के लिए जब इस तपोवनी में खुदाई की गई थी तो उस दौरान धरती से चांदी का छत्र,सिक्के व कई प्राचीनकाल अद्बुत पत्थर निकले थे।
जिला मुख्यालय नैनीताल से पंगोट मार्ग होते हुए
विनायक कुंजाखड़क मार्ग के बीच से करीब तीन किमी की खड़ी चढ़ाई चढ़ कर ब्रह्मा स्थली तक पहुँचा जाता है, काफी संख्या में ट्रैकर और श्रद्धालु भी यहां हर रोज पहुँचते है।
ब्रहम्मस्थली का चमत्कार यही है कि तीन किमी खड़ी चढ़ाई के बाद तपोवनी में पहुँचते ही सारी थकान अपने आप गयाब हो जाती है। हालांकि ब्यापक प्रचार प्रसार नही होने के चलते इस पवित्र स्थान की जानकारी स्थानीय लोगो के सिवा काफी कम लोगो को ही है। लेकिन अब ट्रैकर काफी संख्या में यहाँ पहुँचने लगे है।