नैनीताल: ना फोन की घंटी और ना बिजली की रोशनी प्रकृति की गोद में बसा “कुंजाखड़क”
नैनीताल। प्रकृति का अद्भुत नजारा शोर शराबे के नाम पर केवल रंग विरंगी चिड़ियों की मधुर आवाज नैनीताल जिला मुख्यालय से करीब 60 किमी की दूरी पर ढाई हजार मीटर की ऊँचाई पर स्थित कुंजाखड़क, अगर आप प्रकृति प्रेमी है,भागदौड़ भरी जिंदगी से सकून के पल ब्यतीत करना चाहते है तो इससे उत्तम स्थान और कोई नही हो सकता है।
अंग्रजो द्वारा 1935 में स्थापित यहाँ पर वन विभाग का एक सुंदर ऐतिहासिक विश्राम गृह भी है जिसमे रात्रि विश्राम किया जाता है। यहाँ पर ना फोन की घंटी परेशान करेगी और ना ही ना ही रात में बिजली की तेज रोशनी आंखों को तकलीफ देगी, मोमबत्ती की धीमी रोशनी में सकून भरी नीद,और सुबह को चिड़ियों का मधुर संगीत बिस्तर छोड़ने पर मजबूर कर देता है।