कुमाऊँ

जनसुनवाई में बढ़ती बिजली दरों को लेकर नैनीताल होटल व रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने दिए सुझाव

नैनीताल। नगर के नैनीताल होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने बढ़ते बिजली के दामों को लेकर विरोध जताया है, उन्होंने इस संबंध में उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग द्वारा रुद्रपुर में हुई जनसुनवाई में अपना पक्ष रखा। जिसमें उन्होंने कहा है कि आयोग द्वारा हाल ही में बिजली दरों में बढ़ोतरी की गई है, जोकि न्याय संगत नहीं है।आगे पढ़ें

एसोसिएशन के अध्यक्ष दिग्विजय बिष्ट ने बताया कि समय-समय पर बिजली दरों में अलग अलग तरीके से बढ़ोतरी की जा रही है, जिसका पर्यटन उद्योग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि कोविड-19 महामारी के दौरान यह उद्योग घाटे से उभर रहा है। कहा कि कुछ वर्षों में बिजली दरों में कई बार वृद्धि की जा चुकी है। यह जनवरी 2021 में 5.75 रुपये से बढ़कर मई 2021 में 5.80 रुपये और फिर अप्रैल 2022 में 5.90 रुपये हो गया है।आगे पढ़ें
फिक्स चार्ज जनवरी 2021 में 0.85 रुपये से बढ़कर मई 2021 में 0.90 रुपये और फिर अप्रैल 2022 में 0.95 रुपये हो गया है। व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में स्वीकृत लोड पर फिक्स्ड चार्ज वास्तविक लोड होने पर भी वसूला जाता है। जोकि स्वीकृत व्यय से बहुत कम है, जबकि वास्तविक व्यय स्वीकृत व्यय से अधिक होने पर, यूपीसीएल अतिरिक्त व्यय पर दोगुना बिजली शुल्क वसूलता है। तार्किक रूप से, निर्धारित शुल्क वास्तविक मांग के अनुसार लगाया जाना चाहिए न कि स्वीकृत व्यय पर। उपभोक्ता को वास्तविक खपत से अधिक भुगतान करने के लिए बाध्य नहीं किया जाना चाहिए। साथ ही हर 2 माह में नियमित रूप से बिल भेजा जाना चाहिए।आगे पढ़ें

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उन्होंने सुझाव दिया कि घरेलू कनेक्शनों पर प्रथम 200 यूनिट पर विद्युत शुल्क प्रथम 400 यूनिट तक बढ़ाया जाए। वर्तमान में, घरेलू उपभोक्ता वास्तव में वाणिज्यिक उपभोक्ताओं से भी अधिक भुगतान कर रहे हैं, क्योंकि वाणिज्यिक शुल्क 5.90 रुपये है जबकि घरेलू शुल्क का उच्चतम स्लैब 6.55 रुपये है, इसलिए इस टैरिफ अनुसूची को उपभोक्ताओं के हित में सही करने की आवश्यकता है। साथ ही, घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिलिंग मासिक आधार पर होनी चाहिए न कि दैनिक आधार पर। फिक्स चार्ज, एडिशनल परचेज सरचार्ज, फ्यूल सरचार्ज आदि जैसे चार्जेज की बहुलता को खत्म किया जाए और बिजली मीटर में दर्शाई गई वास्तविक खपत को ही चार्ज किया जाए।उन्होंने आग्रह किया है कि फिक्स चार्ज, एडिशनल परचेज सरचार्ज, फ्यूल सरचार्ज आदि जैसे चार्जेज की बहुलता को खत्म किया जाए और बिजली मीटर में दर्शाई गई वास्तविक खपत को ही चार्ज किया जाए।

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