नैनीताल।उतर भारत में जहां कड़ाके की ठंड का प्रकोप जारी है तो वही हल्द्वानी भी कोहरे व धुंध की चपेट में है तो नैनीताल से ठंड गायब हो चुकी है।तापमान भी 24 डिग्री सेल्सियस तक पहूंच चुका है।बीते कुछ वर्षों से बर्फवारी गायब हो चुकी थी वही इस वर्ष ठंड भी गायब हो चुकी है।मौसम के जानकारों का कहना है कि वाहनों की अत्यधिक वृद्धि से कार्बनिक कणों की मात्रा पर्वतीय क्षेत्रो में बढ़ गई है।जिसके चलते तपमान में तेजी से वृद्धि हो रही है तो रात के तापमान में उतनी ही तेजी से गिरावट आ रही है। जिससे तापमान काफी हद तक अनियंत्रित हो चुका है।आगे पढ़ें कैसा है नैनीताल का मौसम
जनवरी माह में शून्य तक पंहुचने वाला पारा 24 डिग्री सेल्सियस तक पहूंच चुका है। दिसंबर से फरवरी तक ठंड के प्रकोप से बचने के लिए नगर से अधिकांश लोग मैदानों की ओर हल्द्वानी रामनगर प्रवास पर चले जाते थे लेकिन इस बार हल्द्वानी में लगातार कोहरे व ठंड के चलते अब लोग नैनीताल में ही रहना पसंद कर रहे है। मौसम में आए परिवर्तन से जहां लोगो को ठंड से राहत मिल रही है वही दूसरी ओर पर्यावरण के लिहाज से मौसम में परिवर्तन नैनीताल के भविष्य के लिए अच्छे संकेत नही है।आगे पढ़ें क्या कहते है वैज्ञानिक
हिमालयी क्षेत्रों में वाहनों की अत्यधिक वृद्धि से वायुमंडल को बहुत नुकसान पहुंचा है,इसका असर हिमालई क्षेत्रों में देखने को मिला है। हिमालय में दो वर्ष पूर्व हुए शोध में 30 फ़ीसदी कार्बन की मात्रा बढ़ गई थी । हिमालयी क्षेत्रों का तापमान में असमय वृद्धि हुई है,जिसका असर यहां की जलवायु उपज पर्यटन व सामाजिक क्षेत्र में पड़ा है। यदि समय रहते कार्बनिक गैसों की बढ़ती रफ्तार में अंकुश नहीं लगाया गया तो भविष्य में मौसम की भारी दुश्वारियां झेलनी पड़ सकती हैं। डॉ.नरेंद्र सिंह पर्यावरण वैज्ञानिक एरीज