नैनीताल/ओखलकांडा। काठगोदाम रेलवे स्टेशन से से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर नैनीताल जिले के ओखलकांडा ब्लाक में स्थित लोहाखाम ताल शहर के कौतुहल से दूर प्रकृति के सौंदर्यं का अनुभव के लिए काफी संख्या में पहूंचने वाले लोगो को ताल का पानी और ठंडी-ठंडी बहती हवा और शान्त वातावरण एक नयी स्फूर्ति प्रदान करती हैं।
इसी स्थान पर लोहाखाम मंदिर भी है। कहा जाता है कि इसकि उत्पत्ति लोहे से होने के कारण इसका नाम लोहाखाम पड़ा। लोगों की लोहाखाम देवता में बहुत आस्ता और मान्यता है,की इस ताल की मान्यता हरिद्वार के कुण्ड की तरह बतायी जाती है,जो लोग हरिद्वार में गंगा स्नान नहीं कर पाते वो लोग इस ताल में स्नान करते है, क्योंकि इसकी मान्यता गंगा स्नान के समान है।लोहाखाम मंदिर में हर वर्ष वैशाखी पूर्णिमा के दिन रात में मेला मनाया जाता है। मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रम, जागरण, झोड़ा, चांचरी आदि धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता हैं।और मेले के दूसरे दिन सुबह पवित्र कुंड लोहाखाम ताल में स्नान किया जाता हैं। इस पवित्र कुंड मे स्नान करने के लिए भक्त दूर-दूर से आते हैं।