नैनीताल। 120वां नंदा देवी महोत्सव के तहतनयना देवी परिसर में रविवार को नंदा अष्टमी के मौके पर ब्रह्ममुहूर्त में देवी स्थापना प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत
पंडित भगवती प्रसाद जोशी,दीप जोशी व घनश्याम जोशी द्वारा पूजा कराई गई,पूजन में संतोष साह जगाती,पुष्पा जगाती जजमान के रूप में शामिल हुए।
तथा सांय 6ः30 बजे पंच आरती तथा प्रसाद वितरण व रात 9 बजे मॉ भगवती पूजन के साथ ही रात 12 बजे देवी भोग लगाया गया।इस मौके पर सुबह 4 बजे से देर रात तक कतारों में खड़े होकर सैकड़ों की संख्या में स्थानीय लोगो सहित सैलानियों ने मंदिर में स्थापित मां नंदा सुनंदा के दर्शन कर पूजा अर्चना की।
इस दौरान होटल व रेस्टोरेंट एसोसिएशन श्रद्धालुओं के बीच करीब पांच हजार पैकेट जूस के वितरित किए गए।
वही मंदिर परिसर के बाहर तल्लीताल,व मल्लीताल क्षेत्र में कई स्थानों पर बड़ी स्क्रीन के जरिए मंदिर के कार्यक्रमो का सीधा प्रसारण किया गया।
अनुमानों के मुताबिक कम संख्या में पहुंचे श्रद्धालु।
बीते वर्षों के मुताबिक इस वर्ष अनुमानों के अनुसार काफी कम संख्या में श्रद्धालु महोत्सव में पहूंचे।जबकि अनुमान लगाया जा रहा था,कि कोरोना के चलते बीते दो वर्षों से महोत्सव का आयोजन नही होने से इस वर्ष हज़ारों की संख्या में श्रद्धालु पहुचेंगे लेकिन अनुमानों के मुताबिक काफी कम संख्या में पहूंचे।भवाली व हल्द्वानी में नंदा देवी महोत्सव का आयोजन होने के चलते भी इस वर्ष काफी कम संख्या मे लोग नैनीताल नंदा देवी महोत्सव में पहूंचे।जबकि बीते वर्षों तक हल्द्वानी,रामनगर बड़े शहरों सहित आस पास के दर्जनों गांव के ग्रामीण महोत्सव में आते थे,लेकिन अब जगह जगह महोत्सव के आयोजन होने लगे है,जिसके चलते भी लोगो की संख्या में कमी आयी है।
अंजली शर्मा दिल्ली निवासी…..
हम लोग घूमने के मकसद से परिवार सहित नैनीताल पहूंचे थे,लेकिन यहां पर नंदा महोत्सव में माता के दर्शन करने का मौका मिल गया,जो हमने सपने में भी नही सोचा था।जिसके चलते नैनीताल दौरा मेरी जिंदगी का सबसे अच्छा दौरा बन चुका है। हम लोग अब भविष्य में दुबारा नैनीताल आएंगे।
पूजा शर्मा दिल्ली निवासी…..
नैनीताल और मां नयन देवी मंदिर के बारे में सुना था।लेकिन इतने पावन अवसर में माता के दर्शन होंगे ये कभी नही सोचा था।नंदा महोत्सव के दौरान मां नंदा-सुनंदा के दर्शन करने को मिल गया ये हमारे परिवार के लिए सौभाग्य की बात है।
मेले के दौरान मंदिर परिसर में बलि पर पूरी तरह प्रतिबंध रहा। पूजा के लिए बकरों को मंदिर तक ले जाने और बाहर लाने के लिए चिकित्सकों की टीम के साथ पुलिस बल तैनात रहा। मेला परिसर के गेट से बकरा स्वामी का आधार कार्ड और एंट्री कराकर टोकन नंबर देने के बाद ही बकरों को मंदिर तक भेजा गया। नोडल अधिकारी डॉ हेमा राठौर ने कहा कि नंदा अष्टमी के मौके पर 88 बकरे पूजा के लिए मंदिर में लाए गए जिसके बाद बकरा स्वामियों द्वारा अपने घरों पर ही बलि दी गयी।
दोपहर में स्थानीय विधायक सरिता आर्या भी मां नंदा सुनंदा के दर्शन करने के लिए मंदिर में पहुंची,और पूजा अर्चना कर प्रदेशवासियों की खुशहाली के लिए कामना की। विधायक ने नंदा अष्टमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कोरोना महामारी के चलते बीते दो वर्षों बाद मां नंदा-सुनंदा के दर्शन करने का मौका मिला है,यह मेरे व समस्त प्रदेशवासियों के लिए सौभाग्य की बात है।
महोत्सव के कार्यक्रम
नवमी पांच सितम्बर सोमवार को सुबह 6 बजे महाभगवती पूजन, 10 बजे दुर्गा सप्तशती पाठ एवं हवन, दोपहर 12ः30 बजे कन्याकुमारी पूजन, दोपहर एक बजे डीएसए भवन में भण्डारे का आयोजन, सायं 6 बजे पंच आरती एवं प्रसाद वितरण, रात्रि 9 बजे महाभगवती पूजन के साथ ही रात्रि 12 बजे देवी भोग होगा। दशमी 6 सितम्बर को सुबह 6 बजे मॉ भगवती पूजन, एक बजे सुन्दर कांड व नंदा चालीसा,शाम 6 बजे पंच आरती एवं प्रसाद वितरण,सांय 7 बजे दीपदान नैनीझील, रात्रि 9 बजे महाभगवती पूजन के साथ ही रात्रि 12 बजे देवी भोग होगा। एकादशी 7 सितम्बर को सुबह 6 से 9 बजे महाभगवती पूजन तथा दोपहर 12 बजे देवी भोग होगा। एक बजे मॉ नन्दा सुनन्दा की शोभा यात्रा व नगर भ्रमण के साथ ही शाम 6ः30 बजे ठण्डी सड़क के समीप मूर्ति विसर्जन किया जाएगा।