कुमाऊँ

मानसून सीजन बलियानाला ट्रीटमेंट कार्य बंद,30 प्रतिशत का था लक्ष्य हो पाया 15 प्रतिशत

नैनीताल। बलिया नाला क्षेत्र में दशकों से हो रहे भूस्खलन को रोकने के लिये बड़े पैमाने पर उपचार का कार्य किया जा रहा है।जो 24 जनवरी से काम शुरू कर दिया गया था।अभी स्लोप जेंटल, माईक्रो पाइल्स,शॉट रिटिंग और आवश्यक दीवारों का लगभग 15 फ़ीसदी काम पूरा कर दिया गया है।प्रोजेक्ट के अनुसार काम तीन वर्षों तक पूरा किया जाना है।वहीं मानसून को देखते हुए सिंचाई विभाग की ओर से काम को लगभग तीन माह बाद शुरू किया जाएगा।आगे पढ़ें……

सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता अनिल कुमार वर्मा भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का लगभग 15 फ़ीसदी काम पूरा हो चुका है।अन्य कार्यों को बरसात के बाद किया जाएगा।अभी पानी की निकासी का ध्यान रखा जाएगतीन माह पहले ठंडी सड़क पर ट्रीटमेंट का काम शुरू कर दिया गया था।जिसमें सुरक्षा दीवारों और माइक्रो पाइलिंग का 40 फ़ीसदी काम पूरा कर दिया गया है।लगभग 6 माह में ट्रीटमेंट का पूरा काम कर दिया जाएगा।डीडी सती सहायक अभियंता सिंचाई विभाग नैनीताल।आगे पढ़ें

30% का था लक्ष्य हो पाया 15%। बता दे कि बलिया नाला भूस्खलन को रोकने के लिये बड़े पैमाने पर उपचार का कार्य शुरू हो चुका था। जिसमें पहले चरण के काम में राजकीय इंटर कॉलेज के हिस्से का ध्वस्तीकरण कर बलिया नाले तक पहुँच मार्ग का काम पूरा हो गया था।साथ ही निर्माण कार्य में लगने वाले सामानों को इकट्ठा करने के लिए स्टोर भी बना दिये गए थे। प्रभावित क्षेत्र में कटिंग का काम करने के बाद लगभग 20 प्रतिशत दीवारों का काम भी पूरा हो गया है।वही बीरभट्टी से भी जेसीबी मशीनों को बलिया नाले पहुँचाकर नीचे की ओर से दीवारों का काम भी किया जा रहा है।भूगर्भीय अध्ययन के बाद बलिया नाले में प्रस्तावित उपचार के कार्यों की डीपीआर तैयार की गयी है। इस रिपोर्ट के आधार शुरूआती दौर में एसडीए, एंकरिंग, प्रोडक्शन, डेमसिंग और रिप्रोफ़ाइलिंग का काम जारी है।विभाग के अनुसार मानसून से पहले अधिक से अधिक काम करने की कोशिश की जा रही थी।और मानसून सीजन तक 30 प्रतिशत कार्य पूरा हो जाने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन केवल 15 प्रतिशत ही हो पाया।लेकिन अब मानूसन सीजन को देखते हुए कार्य पर रोक लगा दी गयी है।

यह भी पढ़ें 👉  रामगढ़ में जन सुविधा कल्याण शिविर का आयोजन क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी सुरेंद्र बिष्ट ने दी जानकारी
To Top

You cannot copy content of this page