श्रावण मास का प्रथम सोमवार जिसने शिव गौरी पूजा का विशेष महत्व होता है। पूर्ण श्रद्धा भक्ति से जो भी भगवान भोलेनाथ देवी गौरा कि सोमवार को पूजा करते हैं उन सभी को मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है। जिनके विवाह में विलंब हो रहा है उन सभी को श्रावण मास के सोमवार को उपवास रखना चाहिए।श्रावण मास के सोमवार का उपवास रखने से शीघ्र विवाह संपन्न होता है।
सोमवार को रखी जाने वाली उपवास को सोमेश्वर उपवास भी कहा जाता है जिसका अर्थ हुआ सोम के ईश्वर यानी चंद्रमा के ईश्वर जो कि भगवान शिव को कहा जाता है धार्मिक मान्यतानुसार चंद्रदेव ने इसी दिन क्षय रोग की मुक्ति पाने के लिए भगवान भोलेनाथ की विशेष पूजा अर्चना की और उन्हें प्रसन्न किया व क्षय रोग से मुक्ति प्राप्त की थी। इसी कारण सोमवार को भगवान शिव की पूजा उत्तम मानी जाती है सोम का अर्थ होता है सरल सहज भगवान शिव अत्यधिक शांत देवता कहे जाते हैं जैसे कि उनके नाम से ही प्रतीत होता है।
देवी सती ने दक्ष प्रजापति के यज्ञ में अपना शरीर त्याग करने के बाद हिमालय पुत्री पार्वती के रूप में जन्म लिया एवं शिव को वर रूप में पुनः प्राप्त करने के लिए श्रावण माह से के सोमवार का उपवास किया एवं श्रावण माह में घोर तपस्या की एवं भगवान भोलेनाथ को वर रूप में पुनः वरण किया इसी कारण भगवान भोलेनाथ को सोमवार एवं श्रावण माह अति प्रिय माना जाता है।
सोमवार को शिव को किन वस्तुओं का अर्पण करें।
सर्वप्रथम सोमवार के उपवास शिवलिंग पर 11 लोटा जल अर्पित करें एवं कच्चे दूध से स्नान कराएं। इसके अतिरिक्त शिवलिंग पर अखंडित अक्षत अर्पित करें, बेलपत्र, धतूरा, सफेद पुष्प, मोगरा, आक के श्वेत पुष्प और रक्त चंदन, भस्म, श्वेत मदार, कनेर के पुष्प, बेला, गुलाब के पुष्प, बेल के फल, भांग आदि
हिंदू धर्म में कोई भी तीज, त्यौहार, पर्व के पीछे वैज्ञानिक कारण होता है जैसे की शिवलिंग पर सबसे ज्यादा रेडिएशन पाए जाते हैं एक शिवलिंग पर एक न्यूक्लियर रिएक्टर की तरह रेडियोएक्टिव एनर्जी होती है इसी नकारात्मक ऊर्जा को शांत करने के लिए शिवलिंग पर निरंतर जल अर्पित किया जाता है।
सोमवार को उपवास में फलाहार या सात्विक भोजन ग्रहण कर सकते हैं।
ज्योतिषाचार्य डॉ मंजू जोशी 8395 806 256