8 अप्रैल सोमवार को सोमवती अमावस्या एवं संवत 2080 का अंतिम सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है।अमावस्या तिथि सोमवार को होने के कारण इसे सोमवती अमावस्या कहा कहा जाता है। इस वर्ष सोमवती अमावस्या तिथि पर सूर्य ग्रहण भी लग रहा है। धार्मिक मन्यतानुसार सोमवती अमावस्या पर स्नान-दान करने की भी परंपरा है। तथा सोमवती अमावस्या पर गंगा स्नान से सभी कष्टों का नाश होता है। यदि किसी कारणवश जो जातक गंगा स्नान नहीं कर पाते हैं वह किसी भी नदी या सरोवर तट आदि में स्नान कर सकते हैं। क्योंकि सोमवार भगवान शिव शंकर एवं देवी पार्वती को समर्पित है अतः जो भी जातक भगवान भोले शंकर एवं देवी पार्वती की पूजा करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है एवं अटल सौभाग्य की प्राप्ति होती है।आगे पढ़ें…..
मुहूर्त- आमावस्या तिथि प्रारंभ 8 अप्रैल 2024 प्रातः 3:23 से रात्रि 11:52 तक। उपाय-सोमवती अमावस्या पर पितरों के निमित्त ब्राह्मण या किसी जरूरतमंद व्यक्ति को अन्न वस्त्र दान करें।जिन ,लोगो को शनि की ढैया एवं साढ़ेसाती चल रही है उन सभी को गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए।जिन लोगो पर शनि का नकारात्मक प्रभाव पड़ता है उन सभी को शनि मंदिर में काली वस्तुओं का दान करना चाहिए।काले कुत्ते को उड़द की दाल से बना हुआ भोजन कराएं।शनि मंदिर में लोहे का दीपक दान करें।11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करने से भी शनि के नकारात्मक प्रभाव समाप्त होते हैं।आगे पढ़ें…..
सूर्य ग्रहण-सोमवार को संवत 2080 का अंतिम सूर्य ग्रहण भी लगने जा रहा है जो कि रात्रि का समय होने के कारण भारत में दृश्य नहीं होगा। ना ही इसका कोई धार्मिक महत्व होगा सूतक भी नहीं लगेगा। परंतु ग्रहण काल में गर्भवती महिलाओं को सावधानियां बरतनी आवश्यक रहेंगी। किसी भी धारदार हथियार का प्रयोग ना करें जैसे चाकू छुरी सुई इत्यादि। इसके अतिरिक्त ग्रहण काल में भोजन करने से बचें। गीता, सुंदरकांड तथा दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।सूर्य ग्रहण का समय रहेगा रात्रि 10:08 से मध्य रात्रि 1:25 तक।